राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के कई बयान इन दिनों सुर्खियों में बने हुए है। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हो। उनके इस बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दी थी।
अब पिछले दिनों आरएसएस प्रमुख ने एक बार फिर से कुछ ऐसा बयान दे दिया, जिसे लेकर देश की सियासत में एक बार फिस से बवाल मच गया है। मोहन भागवत ने दो दिन पहले देश में बढ़ती मुस्लिम आबादी पर अपनी चिंता जताई थी।
उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तान बनाने की कोशिशों के तहत वर्ष 1930 से मुस्लिम आबादी को बढ़ाने का संगठित प्रयास किया गया। उनके इस बयान पर भी असदुद्दीन ओवैसी ने करारी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि संघ सिर्फ एंटी-मुस्लिम नफरत पैदा कर रहा है। आरएसएस के पास जीरो दिमाग है और मुसलमानों से नफरत 100 फीसदी है।
‘मुस्लिमों से नफरत RSS की आदत रही है’
ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए कहा, ‘RSS के भागवत का कहना है कि 1930 से मुस्लिम आबादी बढ़ाने के लिए संगठित प्रयास किया जा रहा है। अगर हमारा डीएनए एक ही है तो हम गिनती क्यों कर रहे हैं? भारतीय मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर में 1950 से 2011 के बीच सबसे तेज गिरावट देखी गई है। संघ के पास जीरो ब्रेन है, 100% मुसलमानों से नफरत है।‘
Sangh is addicted to anti-Muslim hate & poisoned society with it. All of Bhagwat’s drama about “we are one” earlier this month must have discomfited his followers too much. So he had to get back to demonising Muslims & lying. Hindutva should have no place in modern India 2/2
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 22, 2021
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने अगले ट्विट में कहा, ‘मुस्लिमों से नफरत करने की RSS की आदत रही है। ऐसा कर वह समाज में जहर घोल रहा है। इस महीने की शुरुआत में मोहन भागवत ने कहा था कि हम सब एक हैं। इस बयान ने उनके समर्थकों को बहुत परेशान किया होगा। इसलिए उन्हें फिर मुसलमानों को नीचा दिखाने और झूठ बोलने की ओर लौटना पड़ा। आधुनिक भारत में हिंदुत्व का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।‘
मोहन भागवत ने दिया था ऐसा बयान
बताते चले कि पिछले दिनों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत असम में थे। जहां उन्होंने एनआरसी और सीएए पर लिखी एक पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय को लेकर ऐसा बयान दिया। उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तानन बनाने और अपना प्रभुत्वर स्थायपित करने के उद्देश्यर से 1930 से मुस्लिम आबादी को बढ़ाने का एक संगठित प्रयास किया गया। मोहन भागवत ने कहा, इसकी योजना पंजाब, सिंध, असम और बंगाल के लिए बनाई गई थी और यह कुछ हद तक सफल भी हुई।