UPPSC Protest: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा पीसीएस-2024 प्रारंभिक और आरओ-एआरओ 2024 प्रारंभिक परीक्षा (RO/ARO Preliminary Exam 2024) दो दिन में कराने और नॉर्मलाइजेशन लागू करने के फैसले का छात्रों ने विरोध प्रदर्शन गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी है। लोक सेवा आयोग के सामने चल रहे प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कुछ अभ्यर्थियों को जबरन उठा लिया, जिससे वहां अफरातफरी मच गई।
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सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मी ने छात्रों को जबरन उठाया
पीसीएस और आरओ एआरओ परीक्षा एक ही दिन कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठी एक छात्रा ने आजतक से बात करते हुए बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रही कुछ छात्राओं को जबरन घसीटकर ले गए।
हिरासत में लिए गए 11 छात्र – UPPSC Protest
बुधवार रात को पुलिस ने ग्यारह छात्रों को हिरासत में लिया था। कोचिंग लाइब्रेरी को जबरन बंद कराया जा रहा था। पुलिस कार्रवाई कर रही है, लेकिन कई छात्र अभी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। पुलिस ने सभी 11 लोगों पर शांति भंग करने का आरोप लगाया है। चालान के बाद उन्हें एसीपी कोर्ट से जमानत पर रिहा भी किया जा सकता है।
क्या है विवाद
प्रतियोगी छात्र नॉर्मलाइजेश (Normalization of Question Paper) की प्रक्रिया को चुनौती दे रहे हैं। उनकी इच्छा है कि पीसीएस प्री 2024, आरओ और एआरओ प्री 2023 की परीक्षाएं एक ही दिन एक ही शिफ्ट में हों। कुछ दिन पहले प्रतियोगी छात्रों ने लोक सेवा आयोग पर अहिंसक गांधीवादी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि विरोध अनिश्चितकालीन है। जब तक आयोग से उन्हें एक ही दिन और शिफ्ट में परीक्षा कराने की गारंटी नहीं मिल जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा।
उनका कहना है कि अगर दो दिन में परीक्षा कराई गई तो नॉर्मलाइजेशन की वजह से उन्हें नुकसान होगा। 11 नवंबर को दिल्ली से लेकर यूपी तक अभ्यर्थी इस फैसले के खिलाफ फिर सड़कों पर उतर आए। वे ‘वन डे वन एग्जाम’ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र यूपीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन सिस्टम खत्म करने की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि लोक सेवा आयोग की नॉर्मलाइजेशन प्रणाली न्यायसंगत नहीं है।
क्या है नॉर्मलाइजेशन सिस्टम?
नॉर्मलाइजेशन सिस्टम (Exam Normalization System) का उपयोग पेपर की कठिनाई के स्तर के आधार पर परीक्षा स्कोर निर्धारित करने के लिए किया जाता है। यह प्रणाली परीक्षा में प्राप्त अंकों का उपयोग करके उम्मीदवारों के प्रतिशत अंक निर्धारित करती है। प्रत्येक परीक्षा पेपर में कठिनाई का स्तर थोड़ा भिन्न हो सकता है। इस प्रणाली का उद्देश्य इस असमानता को खत्म करना है।
इस वजह से अभ्यर्थी कर रहे हैं विरोध
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के अनुसार, पीसीएस परीक्षा में अक्सर गलत प्रश्न पूछे जाते हैं। चूंकि पर्सेंटाइल एक शिफ्ट में उपस्थित छात्रों की संख्या पर आधारित होता है, इसलिए अगर दूसरी शिफ्ट के प्रश्न पहली शिफ्ट के प्रश्नों से ज़्यादा गलत हैं, तो अभ्यर्थी कैसे जान पाएंगे कि उन्हें कितने अंक मिले हैं? छात्रों का कहना है कि ऐसी स्थिति में उच्च अंक पाने वाले आवेदकों का प्रतिशत भी घट सकता है। इसी वजह से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।