पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) होने वाले हैं। जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। सत्तारुढ़ टीएमसी इस बार फिर से प्रदेश में सरकार बनाने की पूरी कोशिशों में लगी है।
तो वहीं, दूसरी ओर बीजेपी समेत तमाम विपक्षी पार्टियां ममता के गढ़ में सेंधमारी का पूरा प्रयास कर रही है। ममता बनर्जी को टक्कर देने के लिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस, लेफ्ट और आईएसएफ ने गठबंधन किया है।
जिसे लेकर कांग्रेस के कई नेता आमने-सामने हैं। कभी गांधी परिवार के सबसे करीबी कहे जाने वाले आनंद शर्मा ने कांग्रेस के इस गठबंधन पर सवाल उठाए थे और बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) से जवाब मांगा था।
‘ठन-ठन गोपाल के बोलने से क्या होगा’
अब इस मामले पर लोकसभा में विपक्ष के नेता और बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) का बयान सामने आया है। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को निशाने पर लेते हुए उनपर बीजेपी के एजेंडे पर चलने का आरोप लगाया।
अधीर रंजन ने कहा कि जो लोग ऐसे बयान दे रहे हैं, वो वरिष्ठ लोग हैं लेकिन फिर भी ऐसी आधारहीन बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आनंद शर्मा का यह बयान भाजपा की लाइन है। अधीर रंजन ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में आनंद शर्मा को कोई नहीं पहचानता, उनकी बात का कोई मोल नहीं है। यह ठन-ठन गोपाल के बोलने से क्या होगा।
कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस को सीटों का पूरा हिस्सा मिला है और वाम मोर्चा ने अपने हिस्से से ISF को सीटें दी है।
आनंद शर्मा का पूरा बयान
दरअसल, आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘ISF और ऐसी दूसरी पार्टियों के साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है, जो कि गांधी और नेहरू के धर्मनिरपेक्षता वाले सिद्धांत पर आधारित है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।‘
उन्होंने लिखा कि ‘सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने में कांग्रेस चयनात्मक रुख नहीं अपना सकती। इस गठबंधन का समर्थन करना दर्दनाक और शर्मनाक है। इसपर बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को सफाई देनी चाहिए।‘
8 चरणों में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव
बता दें, 294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव होने वाले हैं। जिसके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी चुनावी दंगल में है। बीजेपी की ओर से अभी तक सीएम फेस का ऐलान नहीं हुआ है। वहीं, कांग्रेस-वामदल-ISF गठबंधन भी बिना सीएम फेस के ही चुनावी मैदान में है।
पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व वाली ISF की बात असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ चल रही थी लेकिन बात बनीं नहीं। जिसके बाद ISF ने कांग्रेस और वामदल से गठबंधन कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।