कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी थोड़ा कम ही हुआ है कि इस बीच थर्ड वेव को लेकर खतरा लगातार देश पर बना हुआ है। तमाम एक्सपर्ट्स ये चेतावनी देते हुए नजर आ रहे हैं कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आएगी। इस लहर से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को हो सकता है, ऐसी भी संभावनाएं बनी हुई हैं।
सिर्फ 2 राज्यों में इतने ज्यादा केस
इस दौरान बच्चों में कोरोना को लेकर कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। आकड़ों के मुताबिक अप्रैल-मई के महीने में महज 2 राज्यों में 90 हजार बच्चे कोरोना की चपेट में आ गए। जिसके बाद ये सवाल उठने लगे हैं कि जब 2 राज्यों में ही इतने बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना का शिकार हो गए, तो दूसरी के हालात कैसे होंगे? साथ में एक बड़ा सवाल ये भी उठाए जाने लगा है कि क्या अभी से देश में कोरोना की थर्ड वेव दस्तक दे चुकी है?
महाराष्ट्र के अहमदनगर से जो आकंड़े सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। यहां मई महीने में ही करीबन 9 हजार बच्चे कोरोना संक्रमित हुए। इन आंकड़ों की वजह से स्वास्थ्य विभाग भी सकते में हैं। ऐसा माने जाने लगा है कि तीसरी लहर की खतरे की घंटी बज गई है।
तेलंगामा-एमपी के आंकड़े भी डराने वाले
वहीं बात अगर दूसरे राज्यों की करें तो तेलंगाना में मार्च से लेकर मई तक यानि तीन महीनों में 37 हजार से अधिक बच्चे कोरोना का शिकार हुए। इसमें नवजात बच्चे से लेकर 19 साल की उम्र तक के युवक शामिल हैं।
वहीं मध्य प्रदेश का भी हालात भी हैं। यहां 18 साल से कम उम्र के अब तक 54 हजार से अधिक बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि ये आंकड़े पहली और दूसरी दोनों लहर के दौरान के है। इसमें से 12 हजार से ज्यादा बच्चे ऐसे भी रहे, जिनको अस्पताल में एडमिट करने की जरूरत पड़ी। वहीं अकेले भोपाल में कोरोना की सेकेंड वेव के दौरान 2699 बच्चे वायरस की चपेट में आए।
40 प्रतिशत बच्चे आ रहे कोरोना की चपेट में…
वहीं देश में हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट भी ये बताती है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान 40 प्रतिशत बच्चे कोरोना का शिकार हो चुके हैं। जहां पहली लहर के दौरान 15 फीसदी बच्चे कोरोना संक्रमित हुए थे, वहीं सेकेंड वेव के दौरान 25 प्रतिशत बच्चे इस खतरनाक वायरस की चपेट में आए। वहीं तीसरी लहर के दौरान बाकी बचे 60 प्रतिशत बच्चों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है।