दशकों तक चली लड़ाई के बाद अब देश जल्द ही ऐतिहासिक राम मंदिर का साक्षी बनेगा। राम मंदिर के लिए हर कोई काफी उत्साहित है। मंदिर निर्माण के लिए बढ़कर लोग अपना योगदान दे रहे हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए फिलहाल देशभर दान इकट्ठा किया जा रहा है। घर-घर जाकर लोगों से राम मंदिर के लिए दान लिया जा रहा हैं। वहीं कई बड़ी हस्तियां भी मंदिर के लिए दिल खोलकर दान करती हुई नजर आ रही हैं। लेकिन इस दौरान एक संत ने राम मंदिर के लिए इतना बड़ा दान दिया, जिसके बारे में जानकर बैंककर्मी तक हैरत में आ गए।
फफ्फड़ बाबा ने दिया एक करोड़ का दान
ऋषिकेश के संत स्वामी शंकर दास बीते 60 सालों से गुफा में रह रहे हैं। 83 साल के संत स्वामी शंकर दास ने राम मंदिर के लिए एक करोड़ का महादान दिया। लोग उनको फफ्फड़ बाबा के नाम से भी जानते हैं। वो ऋषिकेश स्टेट बैंक की शाखा में पहुंचे और एक करोड़ का चैक बैंककर्मियों को सौंपा।
पहले तो बैंककर्मियों को इस पर विश्वास नहीं हुआ। लेकिन उन्होनें खाते की जांच की स्वामी शंकर दास के अकाउंट के अकाउंट में पर्याप्त राशि मौजूद है। अपने जिंदगीभर की कमाई को फफ्फड़ बाबा ने राम मंदिर के लिए दान कर दी।
जिंदगीभर की कमाई कर दी दान
फक्कड़ बाबा के गुरु टाट वाले बाबा थे। उन्होनें अपने जीवन को गुफा में बड़ी सादगी से गुजारा। वो कहते हैं कि उनका केवल एक ही सपना था, वो ये कि राम मंदिर को अपनी आंखों के सामने बनते देखें, जो अब पूरा हो रहा है। इसके लिए उन्होनें जिंदगीभर की कमाई दाम कर दी।
संत स्वामी शंकर दास का कहना है कि वैसे तो वो ये दान गुप्त रखना चाहते थे, लेकिन उन्होनें दान की राशि इसलिए जाहिर की, जिससे दूसरे लोगों को प्रेरणा मिले और वो भी मंदिर निर्माण के लिए बढ़-चढ़कर दान करें। बता दें कि फक्कड़ बाबा का जीवन लोगों की दान-दक्षिणा से ही चलता है।
इतने बड़े दान की रकम मिलने के बाद बैंक कर्मचारियों ने इसको लेकर तुरंत ही आरएसएस को सूचित किया। जिसके बाद ऋषिकेश क्षेत्र के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाह कृष्ण कुमार सिंघल बैंक पहुंचे और उनके द्वारा दान में दी गई राशि के चेक को राम मंदिर के खाते में जमा कराया।
गौरतलब है कि करोड़ों लोगों का सपना अयोध्या में राम मंदिर बनते हुए देखने का था। दशकों तक राम मंदिर के लिए लड़ाई चली। इस आंदोलन में कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई। राम मंदिर का मुद्दा सालों तक राजनीति में छाया रहा। लंबे समय तक कानूनी लड़ाई चली और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जिसके बाद 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भव्य भूमि पूजन हुआ। अब अगले कुछ ही सालों में ये मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।