पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी के हाथों मिली करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। चुनाव से पहले पाला बदलने वाले तमाम नेता और कार्यकर्ता टीएमसी में वापसी की कोशिशों में लगे हैं। पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने टीएमसी का दामन थाम लिया। अब पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता राजीव बनर्जी भी लगातार टीएमसी नेताओं से मिल रहे हैं। इतना ही नहीं टीएमसी में शामिल होने के लिए बीजेपी कार्यकर्ता धरना भी दे रहे हैं।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी को बताया फ्रॉड पार्टी
पश्चिम बंगाल की बीरभूम जिले में बीते दिन सोमवार को कुछ ऐसी ही घटना देखने को मिली। सोमवार को बीरभूम जिले में करीब 50 भाजपाइयों ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने को लेकर धरना दिया। जिसके बाद उन्हें तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराया गया। तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टीएमसी में शामिल होने को लेकर धरना दिया।
कार्यकर्ताओं ने इस दौरान बैनर पोस्टर भी लगा रखे थे जिसमें लिखा गया था कि चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी बदलने का बेहद ही दुख है। बीजेपी कार्यकर्ताओं के द्वारा धरना दिए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें पार्टी में शामिल करा लिया।
बता दें, इससे पहले भी बीरभूम जिले में ऐसा देखने को मिल चुका है। जब बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ई-रिक्शा पर घूम-घूमकर लाउडस्पीकर के जरिए यह ऐलान किया था कि बीजेपी एक फ्रॉड पार्टी है, इसलिए वे वापस से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। खबरों के मुताबिक राज्य के कई जिलों में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पहले सार्वजनिक माफी मांगी और फिर टीएमसी में शामिल हो गए।
बंगाल में बीजेपी की बढ़ रही मुश्किलें!
तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं की घर वापसी से टीएमसी आत्मविश्वास से लबरेज है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि धोखा देने वालों को दोबारा पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा लेकिन जो अच्छे हैं वे वापस आ सकते हैं। दूसरी और बीजेपी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। जमीनी कार्यकर्ता और नेता लगातार टीएमसी की ओर बढ़ रहे हैं, जिसे लेकर प्रदेश की सियासत में बवाल भी मचता जा रहा है। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि टीएमसी डरा धमका कर उनके कार्यकर्ताओं को जबरन पार्टी में शामिल करा रही है।