बिहार की सियासत में उठा-पटक का दौर जारी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए गठबंधन (NDA Allaince) ने जीत हासिल कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में सरकार बनाई, लेकिन सरकार बनाने के दो महीने बाद भी अभी तक नीतीश कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी का जल्द ही जदयू में विलय हो सकता है और कुशवाहा को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसी बीच आरजेडी के तीन विधायकों ने भी बिहार के उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) से मुलाकात की है। जिसके बाद से बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचले काफी तेज हो गई है।
RJD विधायकों ने दी सफाई
दरअसल, बिहार के उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) हर मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर जनता दरबार लगाते हैं। जिसमें लोग अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं। आज मंगलवार को आरजेडी विधायक विभा देवी, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर और रामविशुन लोहिया ने तारकिशोर प्रसाद से मुलाकात की।
जिसके बाद सफाई देते हुए आरजेडी नेताओं ने कहा कि वे अपनी क्षेत्र के समस्याओं को लेकर जनता दरबार में गए थे, उसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं लगाया जाना चाहिए। आरजेडी विधायकों ने स्पष्ट किया कि अगर उन्हें राजनीतिक कारणों से जाना होता तो वे जनता दरबार में सार्वजनिक रुप से बीजेपी नेता से मिलने क्यों जाते?
AIMIM विधायकों ने की थी नीतीश से मुलाकात
दूसरी ओर बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई बीजेपी की नीतिओं से प्रभावित होकर आता है तो उसका स्वागत है। इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीत हासिल करने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के 5 विधायकों ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मुलाकात की थी।
जिसके बाद से ही प्रदेश की सियासत में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि जल्द ही कई नेता बीजेपी और जदयू में शामिल हो सकते हैं और उन्हें नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में जगह भी मिल सकती है। हालांकि, AIMIM विधायकों ने भी सफाई दी थी कि वे अपने क्षेत्र की परेशानियों को लेकर नीतीश कुमार से मिले थे।