केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर सियासत चरम पर है। किसान पिछले 70 दिनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर डटे हुए हैं और केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसान नेताओं और सरकार के मंत्रियों के बीच अभी तक 12 दौरे की बैठक हो चुकी है लेकिन नतीजा अभी भी कोसों दूर दिख रहा है।
विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावार है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी शुरु से ही किसानों के समर्थन की बात कहते आ रही है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) समेत AAP के कई बड़े नेता किसानों के मुद्दे पर आवाज उठाते आ रहे हैं। AAP के सांसदों ने बजट सत्र के दिन भी किसानों के मुद्दे को लेकर नारेबाजी की थी और केंद्र सरकार से इन कानूनों को रद्द करने का आग्रह किया था।
आज बुधवार को फिर AAP सांसदों ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया, जमकर नारेबाजी की। किसानों के मुद्दे को उठाते हुए वह वेल में पहुंच गए। सभापति वैंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने सांसदों के नारेबाजी और हंगामे को देखते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
सभापति ने थमाया नोटिस
खबरों के मुताबिक आम आदमी पार्टी के सांसदों को मार्शल के जरिए सदन से बाहर किया गया। दरअसल, सांसदों के हंगामो को लेकर राज्यसभा की कार्रवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित किया गया था। दोबोरा कार्यवाही शुरु होती ही सभापति वैंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने AAP के तीन सांसज सुशील गुप्ता, एनडी गुप्ता और संजय सिंह को सदन से बाहर जाने को नोटिस दिया। लेकिन वो सदन में ही टिके रहे। जिसके बाद इन तीनों नेताओं को मार्शल के जरिए सदन से बाहर किया गया।
अक्टूबर तक जारी रहेगा आंदोलन
बता दें, आम आदमी पार्टी शुरु से ही मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध करते आ रही है। साथ ही पार्टी ने किसान आंदोलन को भी खुला समर्थन दे रखा है। AAP नेता सरकार से किसानों की मांग को पूरी करने का लगातार आग्रह कर रहे हैं, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अक्टूबर तक आंदोलन को जारी रखेंगे। अगर फिर भी सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती है तो वे देशव्यापी ट्रैक्टर रैली कर विरोध जताएंगे।