कश्मीर घाटी में इन दिनों आतंक का कहर जारी है। लगातार कश्मीरी पंडितों को टारगेट किया जा रहा है। लेकिन इस बीच आतंक पर आस्था भारी पड़ती दिख रही है। गांदरबल में आयोजित किए जाने वाले मेले को लेकर खूब चर्चाएं हुई। जहां हजारों की तादाद में कश्मीरी पंडितों का जमावड़ा जुटने के आसार जताए गए।
दरअसल, खीर भवानी मेला गांदरबल के तुलमु्ल्ला में माता खीर भवानी के मंदिर में ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर हर साल पूजा होती है। जहां जम्मू-कश्मीर से श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठी होती है। सभी कश्मीरी पंड़ित अपने पूजनीय देवता की पूजा करते है। ये मेला सालों से आयोजित होता आ रहा है, जिसे सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारा का बड़ा प्रतीक माना जाता है। जाहिर है कि दो सालों से कोरोना वायरस के कहर के चलते ये आयोजन नहीं किया गया।
वहीं मशहूर खीर भवानी मंदिर मेले में करीब 18 हजार कश्मीरी पंडितों के जुटने का अनुमान लगाया गया। जिसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी। बताया गया है कि लगभग 18 हजार कश्मीरी पंडितों और भक्तों ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में माता खीर भवानी के मंदिर में ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर अपने पूजनीय देवता की पूजा की है।
इस बार कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग के बीच इस आयोजन को लेकर कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने इसकी निगरानी खुद संभाली। मेले के बाद सरकार ने बयान जारी कर बताया कि ज्येष्ठ अष्टमी पर करीब 18 हजार कश्मीरी पंडितों और भक्तों ने माता खीर भवानी मंदिर के दर्शन किए। शाम की आरती में करीब 2500 कश्मीरी पंडितों ने हिस्सा लिया।
बता दें कि कश्मीरी पंडित खीर भवानी के भक्त माने जाते है। श्रद्धालुओं में अमरनाथ के बाद खीर भवानी की सबसे ज्यादा मान्यता है। हालांकि इस आयोजन को कोरोना वायरस के ढहते कहर के दो साल बाद आयोजित किया गया।