महाराष्ट्र से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। दरअसल, शनिवार देर रात महाराष्ट्र के भंडारा में एक सरकारी अस्पताल में आग लग गई। जिसमें झुलसने की वजह से 10 नवजात की मौत हो गई। अस्पताल की न्यूबॉर्न केयर यूनिट में 17 नवजात शिशु थे, जिसमें से 10 ने दम तोड़ दिया। यहां पर उन बच्चों को रखा जाता है, जिनकी हालत नाजुक होती है।
7 नवजातों को ही बचाया जा सका
मिली जानकारी के मुताबिक ये आग देर रात करीब दो बजे लगी। नर्स से वॉर्ड से धुआं निकलता देखा। जब उसने दरवाजा खोला तो चारों तरफ धुआं ही धुआं था। इसके बाद नर्स ने अधिकारियों को इसके बारे में सूचना दी। फिर फायर बिग्रेड को भी बुलाया गया। जिन्होनें मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव का कार्य किया। लेकिन इस दौरान केवल 7 को ही सुरक्षित बचाया जा सका। हादसे में जिन बच्चों की मौत हुई, उनकी उम्र एक दिन से लेकर तीन महीने तक की बताई जा रही है।
अस्पताल में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई है। इस घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों ने दुख जताया।
सीएम ठाकरे ने दिए जांच के आदेश
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ठाकरे ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से बात की। हादसे पर राजेश टोपे ने कहा कि ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जिन मासूमों की जान दम घुटने की वजह से हुई है, उनका पोस्टमार्टम नहीं होगा। घटना के पीछे की असल वजह का पता लगाया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ में स्वास्थ्य मंत्री ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया।
अस्पताल की लापवाही से हुआ हादसा?
वहीं नवजात शिशुओं की मौत के बाद उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हॉस्पिटल के बाहर भीड़ जमा है। कई लोग ये कह रहे हैं कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से ये हादसा हुआ।
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल सितंबर महीने में कोल्हापुर के एक सरकारी हॉस्पिटल में आग लग गई थी। जिसकी वजह भी शॉर्ट सर्किट ही बताई गई थी। अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा था और उस दौरान वहां पर करीब 400 से अधिक मरीज भर्ती थे। हालांकि इस हादसे में आग लगने के चलते उनको कोई नुकसान नहीं हुआ था।