कभी-कभी निर्देशक फिल्मों में वास्तविकता को दिखाने के लिए हद से आगे बढ़ जाते हैं। मेकर्स अपनी फिल्म में सीन ऐसे बनाना चाहते हैं कि लोगों को लगे कि ये हकीकत में हो रहा है। ऐसे में कई बार फिल्मों में ऐसा देखा गया है जहां फिल्म को हकीकत जैसा बनाने के लिए अभिनेताओं की जगह आम लोगों को कास्ट किया जाता है। शशि कपूर ने भी कुछ ऐसा ही किया। फिल्म के एक सीन को रियल दिखाने के लिए शशि कपूर ने असलियत में एक तवायफ पर नोटों की बारिश कर दी थी, इसके बाद जो हंगामा हुआ उसे जान आप भी चौंक जाएंगे। आइए आपको बताते हैं शशि कपूर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा।
नॉवेल पर आधारित थी फिल्म ‘इन कस्टडी’
यह किस्सा 31 साल पहले रिलीज हुई फिल्म ‘इन कस्टडी’ से जुड़ा है। इस फिल्म में शशि कपूर, शबाना आजमी, ओम पुरी और नीना गुप्ता जैसे दिग्गज सितारे थे। इस्माइल मर्चेंट ने यह फिल्म अनिता देसाई के नॉवेल पर बनाई थी। जिसकी शूटिंग भोपाल में शुरू हुई, इस फिल्म में एक उर्दू शायर होता है जिसकी दो पत्नियां हैं, जिनमें से एक तवायफ होती है। फिल्म के एक सीन में मुजरा सीन शूट किया जाना था, जिसके लिए इस्माइल मर्चेंट ने शशि कपूर से बात की और उन्होंने असली मुजरा प्रोग्राम का सुझाव दिया। जिसके बाद फिल्म के लिए असली तवायफ की तलाश शुरू हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्माइल ने प्रोडक्शन मैनेजर को जिम्मेदारी सौंपी कि वह जाकर एक असली तवायफ को लेकर आएं। लेकिन जब वह आदमी उस जगह गया जहां सभी तवायफ रहा करती थीं, तो उसे पता चला कि उन सभी ने ये काम छोड़ दिया है और अपना-अपना परिवार बसा लिया है। इसके बाद सेट पर तनाव का माहौल छा गया। समय कम था इसलिए तवायफ की तलाश में शहर से ज्यादा दूर नहीं जाया जा सकता था। क्रू में से एक शख्स ने प्रोडक्शन मैनेजर से कहा कि मैं एक तवायफ को जानता हूं, मैं उससे बात करके देखूंगा।
जब तवायफ ने रखी एक शर्त
इसके बाद वह क्रू मेंबर तवायफ के घर गया और उसे सारी कहानी बताई। वह तवायफ गाने के लिए राजी हो गई। हालांकि उसने इस काम के लिए 10 हज़ार रुपये की एडवांस की मांग की और साथ ही तवायफ ने ये शर्त रखी कि वह खुद सेट पर आएगी। कोई उसे लेने नहीं आएगा। उनकी इस शर्त को मानते हुए फिल्म सेट से कोई उन्हें लेने नहीं आता और शूटिंग के अगले दिन वह खुद अपने साथियों के साथ लोकेशन पर पहुंच जाती है। लोकेशन पर पहुंचते ही वह भीड़ देखकर जोर-जोर से रोने लगती हैं। दरअसल, फोन करने वाले ने उनसे कहा था कि उनका मुजरा सिर्फ शशि कपूर ही देखेंगे और भीड़ के बारे में कोई बात नहीं हुई थी।
मुजरा करने से किया इनकार
भीड़ देखकर उन्होंने मुजरा करने से इनकार कर दिया। ये बात शशि कपूर तक पहुंची, तो वह उस महिला के पास गए और पूछा कि इसका कारण क्या है। इसका जवाब देते हुए वह रोने लगीं और बोलीं- ‘मैं पहले ही यह काम छोड़ चुकी हूं और घरेलू जिंदगी में बिजी हूं। घर के हालात अच्छे नहीं हैं, पति भी बीमार हैं, पैसों की ज़रूरत थी इसलिए उन्होंने ये ऑफर स्वीकार कर लिया लेकिन यहां और भी लोग हैं, मुजरा करते वक्त अगर कोई मुझे पहचान लेगा तो बदनामी होगी।’
शशि कपूर ने स्थिति को संभाला
शशि कपूर ने लेकिन समझदारी से काम लिया। उन्होंने महिला को समझाया कि वह इस 10 हजार रुपये को वापस न करें। शशि कपूर ने महिला से कहा, “देखो, तुम भी एक कलाकार हो और मैं भी; हम सभी एक ही समुदाय से हैं। घबराओ मत।” इसके बाद उन दस हजार रुपयों में शशि कपूर ने कुछ और रुपये जोड़े और उन्हें और उनके दोस्तों को दे दिए। साथ ही शशि कपूर ने मुजरे का सीन बदलकर लोक संगीत रखने का सुझाव दिया। मेकर्स भी मान गए और इस फैसले से एक्टर की जमकर तारीफ हुई।
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