आजकल बॉलीवुड में संवेदनशील और विवादित विषयों पर फिल्में बनाने का चलन है। पहले ‘द कश्मीर फाइल्स आई’ फिर ‘द केरला स्टोरी’ और अब ‘जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी’ नाम की एक फिल्म आ रही है जो अप्रत्यक्ष रूप से ‘जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी’ की झलक दिखाती है। ट्रेलर देखने के बाद साफ है कि सिर्फ नाम और किरदार बदले गए हैं बाकी कहानी वही है। यह फिल्म 21 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इसमें उर्वशी रौतेला, रश्मि देसाई, रवि किशन और विजय राज जैसे सितारों के अलावा कुछ नए चेहरे भी नजर आएंगे। आइए आपको बताते हैं कि इस फिल्म में क्या खास होने वाला है।
जेएनयू के ट्रेलर की शुरुआत में स्टेज पर खड़ा एक शख्स कहता है, ‘हमारा नाम कृष्ण कुमार है।’ ये सुनकर कन्हैया कुमार की याद आती है। इसके बाद छात्र ‘आजादी’ के नारे लगाते नजर आते हैं। जो हमें उस दौर में ले जाता है जब ‘जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी’ में ऐसी बातें सुनने को मिलती थीं। वहीं दूसरी तरफ कैंपस में ‘जय श्री राम’ के नारे भी सुनाई देते हैं। राइट और लेफ्ट विंग की लड़ाई पर आधारित ये फिल्म भले ही अलग-अलग दावे करती हो, लेकिन मामला बिल्कुल पुराना और असली है।
इस विश्वविद्यालय में मार्क्सवादी क्रांतिकारी चे ग्वेरा के पोस्टर लगे हैं। दीवारों पर ‘लाल सलाम’ लिखा हुआ है। आरक्षण वाले छात्रों की कक्षा में शिक्षक सामान्य वर्ग के छात्रों को डांटते और भगाते नजर आते हैं।
कन्हैया कुमार को बना दिया कृष्णा कुमार
इस ट्रेलर में एक जगह कृष्णा कुमार ये कहते भी सुनाई देते हैं, ‘गोधरा वाले पीएम बनने का सपना पाले बैठे हैं और हम अपने देश में ये नहीं होने देंगे।’ कैम्पस में दंगे भी होते हैं। वहीं जब कैंपस में दंगा भड़कता है, तो पुलिस आती है। अगर पुलिस को यूनिवर्सिटी में घुसने नहीं दिया जाता, तो वे इसकी तुलना पाकिस्तान से करते हैं और चले जाते हैं। दूसरी तरफ किशन कुमार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर बहुत खुशी होती है। उनका दावा है कि उन्होंने तीन साल में वो कर दिखाया है जो दूसरे तीस साल में नहीं कर पाए। अब वे यूनिवर्सिटी से सीधे संसद जाएंगे। फिल्म में जुनून, ताकत और सिद्धांतों को लेकर दो पार्टियों के बीच संघर्ष को दिखाया गया है। लेकिन क्या ये तीन चीजें देश की एकता को कमजोर कर सकती हैं?
कुल मिलाकर यह ट्रेलर बता रहा है कि फिल्म ‘जेएनयू: जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी’ में बहुत कुछ ऐसा दिखाया जाने वाला है, जिससे विवाद पैदा होना तय है।
सेंसर बोर्ड ने JNU में बदलाव करने का आदेश दिया
मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार, सेंसर बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी देने से पहले कट लगाने को कहा है। सेंसर बोर्ड ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का कोई संदर्भ नहीं दिया जा सकता। बोर्ड ने फिल्म निर्माता को कन्हैया कुमार, उमर खालिद और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय सहित अन्य का संदर्भ हटाने का भी आदेश दिया है।