Tabu success: तबस्सुम फातिमा हाशमी जिन्हें तब्बू के नाम से जाना जाता है, भारतीय सिनेमा की एक प्रतिष्ठित अभिनेत्री हैं। 4 नवंबर 1971 को हैदराबाद में जन्मीं तब्बू का करियर संघर्ष, समर्पण और उत्कृष्टता का प्रतीक है। उन्होंने अपनी बहन और परिवार से प्रेरणा लेकर अभिनय की दुनिया में कदम रखा और अपनी मेहनत से सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। जहां कुछ लोगों को हिट फिल्म से सफलता मिलती है, वहीं तब्बू की किस्मत फ्लॉप फिल्म से चमकी। आइए आपको बताते हैं इस दिलचस्प किस्से के बारे में।
प्रारंभिक जीवन और प्रेरणा: Tabu success
तब्बू एक फिल्मी (Tabu film career) परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनकी बड़ी बहन फराह नाज 80 के दशक की मशहूर अभिनेत्री थीं। फराह को देखकर ही तब्बू को एक्टिंग का शौक हुआ। इसके अलावा तब्बू मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी की भतीजी हैं, जिससे उनके फिल्मी बैकग्राउंड का अंदाजा लगाया जा सकता है। तब्बू ने फिल्म ‘प्रेम’ में काम किया था, जिसे बनाने में बोनी कपूर को 8 साल लगे थे। फिल्म तो बुरी तरह फ्लॉप रही, लेकिन यहीं से तब्बू को खास पहचान मिली।
8 साल में बनी बोनी कपूर की फिल्म
बोनी कपूर ने दिसंबर 1987 में दो फ़िल्में लॉन्च कीं- ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ और ‘प्रेम’। प्रेम में संजय कपूर के अपोजिट तब्बू को साइन किया गया था। इस फ़िल्म को बनने में 8 साल लग गए और यह बोनी कपूर के प्रोडक्शन करियर की सबसे बड़ी फ्लॉप साबित हुई, लेकिन इस फ़िल्म के बाद तब्बू का करियर काफ़ी आगे बढ़ गया।
मिड-डे को दिए इंटरव्यू में तब्बू ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत के बारे में बताया। एक्ट्रेस ने कहा, ‘हम गर्मियों में छुट्टियां बिताने के लिए दादी के घर जाते थे। चूंकि मेरी मां के बड़े भाई ईशान आर्य सिनेमेटोग्राफर थे। उन्होंने गरम हवा (1973), बाजार (1982) की शूटिंग की थी। मैं उनके बेटों समीर और सागर के साथ बड़ी हुई। हम भाई-बहन की तरह थे। एक बार मैं और मेरी बहन फराह देव आनंद साहब के ऑफिस में थे, जहां वह स्क्रीन टेस्ट ले रहे थे, चूंकि उन्हें लगा कि वह बहुत खूबसूरत हैं, इसलिए उन्होंने उनका भी स्क्रीन टेस्ट लिया।‘
तब्बू ने आगे बताया, ‘एक दिन हमें यश चोपड़ा का फोन आया। उन्होंने मेरी मां को फिल्म ‘फासले‘ में मेरी बहन को कास्ट करने की इच्छा के बारे में बताया। चूंकि देव साहब ने उन्हें अपना स्क्रीन टेस्ट दिखाया था, मेरी मां को नहीं पता था कि यश चोपड़ा कौन हैं, उन्होंने मेरी चाची (शबाना) से पूछा। हर कोई वास्तव में उत्साहित था। इस तरह मेरी बहन और मां बॉम्बे आ गईं। मुझे हैदराबाद और अपना स्कूल बहुत पसंद था, इसलिए मैं तीन साल तक अपनी चाची के साथ वहां रहा। तब तक मेरी बहन कई फिल्में कर चुकी थी और एक बड़ी स्टार बन गई थी। और मेरी बहन की वजह से फिल्मों में मेरी रुचि बढ़ी और मैंने भी फिल्मों में अभिनय करने में रुचि दिखाई।‘
तब्बू ने आगे कहा, ‘शेखर कपूर अंकल ने मुझे देखा और कहा कि मुझे उनकी फिल्म ‘प्रेम‘ से डेब्यू करना है, जिसे मैंने मना कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं सिर्फ एक फिल्म करूं और फिर वह मुझे पढ़ाई के लिए विदेश भेज देंगे, जो कभी नहीं हुआ। मैंने फिल्म की, लेकिन उन्होंने प्रोजेक्ट छोड़ दिया।‘
तेलुगु फिल्म में बनी एक्ट्रेस
कम ही लोग जानते हैं कि तब्बू ने 1991 में तेलुगु फ़िल्म “कुली नंबर 1” में साउथ के सुपरस्टार वेंकटेश के साथ पहली बार अभिनय किया था (Tabu success story)। हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म ‘पहला पहला प्यार’ (1994) थी, जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रही।
सफलता की ओर कदम
‘पहला पहला प्यार’ की असफलता के बावजूद तब्बू ने हार नहीं मानी। 1994 में अजय देवगन के साथ फिल्म ‘विजयपथ’ में उनकी भूमिका ने उन्हें पहचान दिलाई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ डेब्यू अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। इसके बाद 1996 में फिल्म ‘माचिस’ में उनके अभिनय को सराहा गया, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
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