बॉलीवुड में कई ऐसे सितारे रहे हैं जिनका करियर चमकते-चमकते रह गया। जब भी उनकी किस्मत पलटने लगती है तो उनके लिए गए फैसले उनके लिए महंगे साबित होते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ सुदेश बेरी के साथ। एक वक्त था जब सुदेश बेरी का नाम बॉलीवुड के मशहूर अभिनेताओं की लिस्ट में शामिल था, लेकिन वो फिल्मों से दूर हो गए और फिर छोटे पर्दे पर अपनी दमदार पहचान बनाई। हालांकि बॉलीवुड से छोटे पर्दे पर आने की एक वजह ये भी थी कि जब उनकी किस्मत पलटने वाली थी तो उन्होंने अपने हिस्से की किस्मत शाहरुख खान को दे दी। आइए हम आपको सुदेश बेरी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
सुदेश बेरी का करियर
सुदेश बेरी फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में काफी मशहूर हैं। लोग उनके अभिनय के मुरीद हैं। सुदेश बेरी ने 1988 में फिल्म “खतरों के खिलाड़ी” से और टेलीविजन पर “महाभारत” सीरीज से अपने करियर की शुरुआत की। पिछले 35 सालों से वे दोनों ही प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हैं और अक्सर लोगों का मनोरंजन करते हुए देखे जाते हैं। बताया जाता है कि सुदेश ने कभी लीड रोल नहीं निभाई; इसके बजाय, उन्होंने अपनी पसंद के हिसाब से फिल्मों में किरदार निभाना जारी रखा, जो उनके करियर के लिए बेहद फायदेमंद रहा। ऐसा भी कहा जाता है कि उन्होंने अपने करियर में 200 से ज्यादा फिल्में करने से मना कर दिया था, जिनमें से एक ब्लॉकबस्टर फिल्म थी और वो थी यश चोपड़ा की 1993 में आई फिल्म ‘डर’।
शाहरुख से पहले सुदेश को ऑफर हुई थी ‘डर’
सुदेश ने एक बार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा था कि शाहरुख से पहले उन्हें ‘डर’ की भूमिका की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने फिल्म के इस ऑफर को ठुकरा दिया। नतीजतन, शाहरुख को इस भूमिका में लिया गया। चूंकि यह शाहरुख की पहली बड़ी हिट थी, इसलिए इस फिल्म को उनके करियर की सबसे बड़ी फिल्म माना जा सकता है।
TOI से बातचीत में सुदेश ने कहा था, ‘मैंने शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन और कई अन्य अभिनेताओं के साथ काम किया है, लेकिन मुझे लगता है कि जीवन के प्रति मेरा दृष्टिकोण कछुए जैसा है। शाहरुख ने खरगोश की तरह दौड़ लगाई और बड़ी सफलता हासिल की, लेकिन मैं आज जो कुछ भी है, उससे खुश हूं। ‘डर’ के निर्माता मुझे शाहरुख खान द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए कास्ट करना चाहते थे, लेकिन किसी कारण से मैंने फिल्म नहीं की। मैं भाग्य में दृढ़ विश्वास रखता हूं और मुझे लगता है कि केवल भगवान ही आपके जीवन की योजना बना सकते हैं। इसलिए मैं जीवन को वैसे ही स्वीकार करता हूं जैसा वह आता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘कॉलेज के दिनों में मैं बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेता था। एक बार चैंपियनशिप के दौरान मेरे प्रतिद्वंद्वी ने मुझे ज़ोर से धक्का दिया और मैं बेहोश हो गया। जब मेरे पिता को इस बारे में पता चला तो उन्होंने मुझे बॉक्सिंग छोड़ने के लिए कहा। हालांकि यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन मैंने इसे छोड़ दिया।’
साथ ही उन्होंने ये भी कहा, ‘एक दिन मेरा एक दोस्त मुझे एक्टिंग वर्कशॉप में ले गया और मुझे वह बहुत पसंद आया। इसलिए, मैं नाटकों में शामिल हो गया और फिर मैं इप्टा (IPTA) में शामिल हो गया। मैंने कुछ समय तक नाटक किए और फिर मुझे फिल्मों के ऑफर मिलने लगे और मैंने वंश, युद्धपथ, बॉर्डर और एलओसी कारगिल जैसी बड़ी फिल्में कीं।’