श्रीदेवी अपने जमाने में काफी मशहूर अभिनेत्री थीं। खूबसूरती के साथ-साथ उनकी अदाकारी भी कमाल की थी। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और उनकी ज्यादातर फिल्में हिट रहीं। उन्हें उनके करियर के शिखर पर पहुंचाने वाली फिल्म थी मिस्टर इंडिया जिसे बोनी कपूर ने बनाया था। जिसमें उनके अपोजिट अनिल कपूर ने काम किया था। इस फिल्म ने बोनी कपूर को अमीर बना दिया। इसके बाद श्रीदेवी ने अनिल कपूर के साथ साल 1994 में फिल्म लाडला में भी काम किया, ये फिल्म भी हिट रही। लेकिन इस फिल्म से पहले दोनों की ये जोड़ी साल 1993 में रिलीज हुई एक फिल्म में भी नजर आई थी। लेकिन वो फिल्म अपना बजट भी नहीं निकाल पाई। फिल्म का लोन चुकाते-चुकाते मेकर्स दिवालिया हो गए। इस फिल्म की इतनी बुरी हालत देखकर मेकर्स भी यकीन नहीं कर पाए कि श्री और अनिल की जोड़ी उनके काम क्यों नहीं आई। तो कौन सी थी ये फिल्म और क्यों फ्लॉप हुई, आइए आपको बताते हैं।
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1993 में धरा रह गया था श्रीदेवी का स्टारडम
हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं वो है ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ जो साल 1993 में आई थी। जब यह फिल्म बनी थी, तब भी ये दोनों बेहद लोकप्रिय थे। इन दोनों की कोई भी फिल्म निस्संदेह सफल होती। लेकिन यह फिल्म पूरी तरह असफल रही। फिल्म की पसंदीदा जोड़ी अनिल कपूर और श्रीदेवी भी इसे नहीं बचा पाए। ये फिल्म कब आई कब गई किसी को कुछ पता ही नहीं चला।
अनिल कपूर को पता था की फिल्म होगी फ्लॉप
उस समय देश की सबसे महंगी फिल्म सबसे बड़ी असफलता साबित हुई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि निर्देशक शेखर कपूर ने फिल्म को बीच में ही छोड़ दिया, क्योंकि उन्हें लगा कि स्क्रिप्ट में कुछ दम है। बोनी कपूर ने अपने सहायक सतीश कौशिक को निर्देशक बना दिया। उन्हें इस काम को छोड़ने की बहुत सलाह मिल रही थी। हालांकि, वे इस फिल्म पर पूरी तरह से फिदा हो चुके थे। फिल्म पर भारी भरकम रकम खर्च होने के कारण, अनिल कपूर ने भी फिल्में साइन कीं और उनमें वित्तीय निवेश किया। अनिल कपूर को एहसास हुआ कि फिल्म तैयार होने के बाद हालात और खराब हो जाएंगे।
इस वजह से हुई ये फिल्म फ्लॉप
अनिल कपूर और श्रीदेवी अभिनीत असफल फिल्म रूप की रानी चोरों का राजा के निर्माताओं को बहुत सारा पैसा गंवाना पड़ा। क्योंकि लम्हे की शूटिंग में देरी के कारण फिल्म की शूटिंग में बहुत समय लग गया। इसके बाद, जैकी श्रॉफ को फिल्म में कैमियो करने के लिए चुना गया। हालांकि, उस समय जैकी और अनिल लोकप्रिय हुआ करते थे। जावेद अख्तर की स्क्रिप्ट की भी काफी आलोचना हुई। छह साल की फिल्म परियोजना के लिए पैसा पानी की तरह बहाया गया। इस फिल्म को बनाते समय बोनी कपूर दिवालिया हो गए।
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