ऋषि कपूर को हमेशा रहा फिल्म ‘प्यार झुकता नहीं’ छोड़ने का अफसोस, दो साल तक अटकी रही थी, मिथुन चक्रवर्ती की ऐसे चमकी किस्मत

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मिथुन चक्रवर्ती ने 80 के दशक से लेकर 90 के दशक तक फिल्मी दुनिया में कई सफल फिल्में दीं। साधारण से दिखने वाले मिथुन ने सिनेमा जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई। लेकिन जब उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा तो ऋषि कपूर पहले ही दर्शकों के दिलों में खास जगह बना चुके थे। उस वक्त किसी भी स्टार के लिए उनका मुकाबला करना मुश्किल था। ऐसे में मिथुन की एक ऐसी फिल्म आई जिसने ऋषि कपूर की रोमांटिक हीरो चार्म को पीछे छोड़ दिया। दरअसल मिथुन के शुरुआती करियर पर नजर डालें तो डिस्को डांसर के अलावा उनकी जो फिल्म सबसे ज्यादा याद की जाती है, वो है प्यार झुकता नहीं। यह फिल्म हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक लव स्टोरीज में शामिल है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर भी सफलता हासिल की थी। हालांकि हैरान करने वाली बात ये है कि ये फिल्म पहले ऋषि कपूर को ऑफर हुई थी, लेकिन डेट्स की कमी के चलते ऋषि कपूर को न चाहते हुए भी ये फिल्म छोड़नी पड़ी। और इस बात का अफसोस उन्हें जिंदगी भर रहा।

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ऋषि कपूर को ऑफर हुई थी ये फील्म

मिथुन चक्रवर्ती और पद्मिनी कोल्हापुरी स्टारर प्यार झुकता नहीं ने हिंदी सिनेमा में प्यार को नए तरीके से परिभाषित किया। इस फिल्म को केसी बोकाड़िया ने बनाया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस फिल्म के लिए केसी बोकाड़िया की पहली पसंद मिथुन नहीं बल्कि ऋषि कपूर थे। ऋषि कपूर ने निर्माता केसी बोकाड़िया के साथ नसीब अपना अपना और मोहब्बत की आरज़ू जैसी फिल्मों में काम किया था। लेकिन इन फिल्मों से पहले भी ऋषि को केसी बोकाड़िया ने प्यार झुकता नहीं ऑफर की थी लेकिन किसी कारण से उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया था। इसके बाद ये फिल्म मिथु को ऑफर हुई और जब ये फिल्म रेलीज़ हुई तो जबरदस्त हिट साबित हुई। इस फिल्म के बाद मिथुन भी रातों रात स्टार बन गए।

ऋषि ने जताया अफसोस  

ऋषि को हमेशा फिल्म रिजेक्ट करने का अफसोस रहा। उन्होंने अपनी किताब में भी इसका जिक्र किया है। इतना ही नहीं, जब रजत शर्मा ने उनसे एक इंटरव्यू में पूछा कि क्या उन्हें किसी बात का अफसोस है, तो ऋषि ने दोहराया कि उन्हें सिर्फ एक बात का अफसोस है कि उन्होंने बोकाड़िया साहब की फिल्म प्यार झुकता नहीं को रिजेक्ट कर दिया था।

फिल्म रिजेक्ट करने के बाद ऋषि ने केसी बोकाड़िया के साथ फिल्म करने का फैसला किया और किस्मत से उन्हें यह मौका भी मिल गया। दरअसल, प्यार झुकता नहीं के बाद बोकाड़िया ने ऋषि कपूर को नसीब अपना अपना के लिए अप्रोच किया और ऋषि भी तुरंत इस फिल्म को करने के लिए राजी हो गए। इसके बाद जब बोकाड़िया ने इस फिल्म के लिए ऋषि को मुंबई के एक होटल में मिलने के लिए बुलाया तो वे अपनी सेक्रेटरी शांति जी के साथ उनसे मिलने गए। बातचीत शुरू होते ही ऋषि कपूर ने कहा, ‘बोकाड़िया साहब, कभी मैं आपकी टेबल पर पड़ी प्यार झुकता नहीं की ट्रॉफी को देखता हूं तो कभी आपको। अगर मुझे जिंदगी में किसी बात का अफसोस है तो बस यही कि मैं आपकी फिल्म ‘प्यार झुकता नहीं’ करने से चूक गया।’

2 साल तक नहीं मिला डिस्ट्रीब्यूटर

प्यार झुकता नहीं के बारे में एक और बात जो बहुत कम लोग जानते होंगे कि ये फिल्म 1983 में बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन 2 साल तक कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर इस फिल्म को खरीदने को तैयार नहीं था। केसी बोकाड़िया ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था। चूंकि, फिल्म में एक्शन हीरो मिथुन की छवि बिल्कुल अलग थी, इसलिए जब फिल्म बनकर तैयार हुई तो इसे कोई डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिला।

केसी बोकाड़िया की कई कोशिशों के बाद भी कोई भी फिल्म नहीं खरीद रहा था क्योंकि सबको डर था कि कोई भी मिथुन की छवि को इस तरह से नहीं देखना चाहेगा। इसके बाद केसी बोकाड़िया ने खुद इस फिल्म को रिलीज करने का फैसला किया और उनका यह फैसला सही साबित हुआ। 11 जनवरी 1985 को रिलीज हुई इस फिल्म ने सबकी किस्मत बदल दी।

खबरों की मानें तो यह फिल्म 50 लाख से भी कम बजट में बनी थी। हालांकि, इसने 2.5 करोड़ से ज़्यादा का कारोबार किया और ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इतना ही नहीं, यह फिल्म उस समय डायमंड जुबली हिट रही थी, जो 75 हफ़्तों तक चली थी। इस फिल्म से मिथुन और पद्मिनी की जोड़ी मशहूर हो गई। यह उनकी पहली फिल्म थी लेकिन इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में साथ काम किया।

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