Meena Kumari Movie Pakeezah: बॉलीवुड में कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो न केवल बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करती हैं, बल्कि दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए बस जाती हैं। 1972 में रिलीज हुई ‘पाकीजा’ भी ऐसी ही एक फिल्म थी, जिसने अपने समय में एक अलग पहचान बनाई। इस फिल्म को बनने में पूरे 15 साल लगे और इसकी सफलता ने मीना कुमारी को सिनेमा जगत में अमर कर दिया। लेकिन इस फिल्म के रिलीज होने के सिर्फ दो महीने बाद ही मीना कुमारी का निधन हो गया, जिसने उनके प्रशंसकों को गहरे शोक में डाल दिया।
मीना कुमारी: ट्रेजेडी क्वीन की दर्दभरी दास्तान– Meena Kumari Movie Pakeezah
मीना कुमारी को बॉलीवुड की ‘ट्रेजेडी क्वीन’ कहा जाता है। उनके फिल्मी करियर की तरह उनकी निजी जिंदगी भी बेहद दर्दनाक रही। मीना कुमारी ने अपने से 37 साल बड़े निर्देशक कमाल अमरोही से निकाह किया, लेकिन इस शादी में उन्हें कभी सच्चा प्यार नहीं मिला।
‘पाकीजा’ का निर्देशन भी कमाल अमरोही ने किया था। यह फिल्म उनकी पत्नी मीना कुमारी के लिए एक प्रेम भेंट थी, लेकिन शूटिंग के दौरान ही दोनों के रिश्ते बिगड़ गए और उन्होंने अलग रहने का फैसला किया। इसका असर फिल्म पर भी पड़ा, जिसकी वजह से यह करीब 15 साल तक अटकी रही।
15 साल में बनी ‘पाकीजा’
‘पाकीजा’ की शूटिंग कई बार रुकी और चली। मीना कुमारी और कमाल अमरोही के रिश्तों में आई खटास और उनकी बिगड़ती सेहत की वजह से फिल्म की प्रगति धीमी हो गई। हालांकि, बाद में जब मीना कुमारी की तबीयत और खराब होने लगी, तो कमाल अमरोही ने उनसे आग्रह किया कि वे फिल्म की शूटिंग पूरी करें।
मीना कुमारी ने उनकी बात मानी और फिल्म की बची हुई शूटिंग पूरी की। इस दौरान उनकी हालत इतनी खराब थी कि वह खुद के पैरों पर भी खड़ी नहीं हो पाती थीं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाया।
रिलीज के दो महीने बाद मीना कुमारी का निधन
‘पाकीजा’ के निर्माण के दौरान मीना कुमारी शराब की लत में डूब चुकी थीं। उनकी सेहत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी। जब 4 फरवरी 1972 को फिल्म रिलीज हुई, तो यह बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई। थिएटरों में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और टिकट के लिए लंबी-लंबी कतारें लग गईं।
लेकिन इस फिल्म के पर्दे पर आने के सिर्फ दो महीने बाद, 31 मार्च 1972 को मीना कुमारी का निधन हो गया। उनके जाने से बॉलीवुड और उनके फैंस को बहुत बड़ा झटका लगा।
ब्लॉकबस्टर साबित हुई फिल्म
मीना कुमारी के निधन के बाद भी ‘पाकीजा’ को जबरदस्त सफलता मिली। यह फिल्म सिनेमाघरों में महीनों तक चली और दर्शकों ने इसे कई बार देखा। फिल्म के गीत, संवाद, और मीना कुमारी की बेहतरीन अदाकारी ने इसे भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमर बना दिया।
‘पाकीजा’ का प्रभाव और आज की लोकप्रियता
‘पाकीजा’ आज भी भारतीय सिनेमा की सबसे प्रसिद्ध फिल्मों में गिनी जाती है। इसकी शानदार सिनेमेटोग्राफी, दिल को छू लेने वाले गीत और मीना कुमारी की भावनात्मक अदाकारी इसे एक क्लासिक बनाती है।
मीना कुमारी का संघर्ष, उनकी कला और ‘पाकीजा’ का ऐतिहासिक महत्व हमेशा फिल्म प्रेमियों के दिलों में बना रहेगा।