भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता किशोर कुमार (Kishore Kumar) अपनी अनोखी शख्सियत, अनोखे सेंस ऑफ ह्यूमर और अपने अंदाज के लिए जाने जाते हैं। उनके बारे में कई दिलचस्प किस्से हैं, जिनमें से एक यह भी है कि वह कहा करते थे कि अगर उन्हें आधे पैसे मिलें तो वह आधा काम करेंगे। यह किस्सा उनकी बेबाकी और मनोरंजन जगत में उनकी अनोखी पहचान को दर्शाता है। बॉलीवुड के मशहूर गायक किशोर कुमार की 37वीं पुण्यतिथि (Kishore Kumar 37th death anniversary) पर आज हम उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से आपको बताएंगे।
आधा पैसा, आधा काम का किस्सा-Kishore Kumar Unknown facts
किशोर कुमार के बारे में कहा जाता है कि वे काम के लिए बहुत पेशेवर थे, लेकिन उनकी शर्तें भी उतनी ही अनोखी थीं। एक बार जब एक फिल्म निर्माता ने उन्हें उनकी फीस का आधा पैसा देने की पेशकश की, तो किशोर कुमार ने कहा, “अगर मुझे आधे पैसे मिलेंगे, तो मैं आधा काम करूंगा।” इसके बाद जब शूटिंग के दौरान उन्हें आधे पैसे मिले, तो उन्होंने सेट पर मेकअप से अपना चेहरा आधा ही बनाया और आधी शूटिंग ही की। यह घटना इस बात का प्रतीक थी कि किशोर कुमार अपने काम को लेकर कितने स्पष्ट और पक्के थे। वे अपनी कला के लिए पूरा सम्मान चाहते थे और अगर उन्हें पूरा भुगतान नहीं मिलता था, तो वे उसे उसी हिसाब से हल्के में लेते थे।
किशोर कुमार बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे (Multi-Talented Kishore Kumar)
किशोर कुमार ने अपने करियर में हिंदी के अलावा बंगाली, मराठी, असमिया, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू भाषा में लगभग 2700 गाने गाए। किशोर कुमार न केवल एक बेहतरीन गायक थे, बल्कि एक बेहतरीन अभिनेता, निर्माता, निर्देशक और संगीतकार भी थे। उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं और अपने गानों से सिनेमा को नई ऊंचाइयां दीं। उनके गाने आज भी बहुत लोकप्रिय हैं और उनकी बहुमुखी प्रतिभा का अनूठा उदाहरण हैं।
हास्य शैली और विद्रोही स्वभाव किशोर कुमार के व्यक्तित्व की खासियत थी। वह लीक से हटकर सोचते थे और इसीलिए वह हमेशा सिनेमा और संगीत में कुछ नया लाने की कोशिश करते थे। उन्होंने कई फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता और हास्य किरदारों में अपनी छाप छोड़ी।
अनोखे और स्वतंत्र स्वभाव के कारण मिली लोकप्रियता
किशोर कुमार का स्वतंत्र और अनोखा स्वभाव ही उन्हें दूसरे कलाकारों से अलग बनाता था। उन्होंने कई बार इंडस्ट्री की प्रचलित परंपराओं और मानदंडों को चुनौती दी और अपने तरीके से काम करने का साहस दिखाया। उनके बेबाक अंदाज ने उन्हें एक ऐसी पहचान दी जो आज भी भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमिट है।
किशोर कुमार से सावधान का बोर्ड
किशोर कुमार एक अपरंपरागत जीवन जीना पसंद करते थे। उन्हें यह पसंद नहीं था कि उनके घर पर बहुत से लोग उनसे मिलने आएं। इसके अलावा, उन्हें मीडिया इंटरव्यू करना भी पसंद नहीं था। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए एक खास तरीका खोज निकाला था कि कोई भी उनसे मिलने न आए। उन्होंने अपने घर के बाहर एक चेतावनी बोर्ड लगा रखा था जिस पर लिखा था, “किशोर कुमार से सावधान रहें।” इसके अलावा, उन्होंने अपने घर के बैठने की जगह पर एक खोपड़ी और हड्डियां रखी थीं और लाल लाइट जलाकर रखते थे, ताकि डरकर उनसे कोई मिलने ना आए।