Films based on wrestling: सुल्तान को सिर्फ सुल्तान ही हरा सकता है, कोई और नही….. म्हारी छोरियां छोरों से कम है कै… ये वो डॉयलॉग्स है, जो आज भी लोगों की जुबान पर रहते है। ये उन फिल्मों के डॉयलॉग है जिन्हें चाहे कितनी भी बार देख लिजिए, फिर भी पहली बार देख रहे है, ऐसा ही लगता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही भारतीय फिल्मों के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने केवल फिल्मों के जरिए हमारे देश के उन मुक्केबाजों को जिवंत कर दिया, जिनके असली संघर्ष के बारे में हम या आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते है।
दंगल (Dangal)- दंगल ने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि सीमा पार भी सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे.. आमिर खान(Amir khan) की साल 2016 में आई फिल्म दंगल हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगाट की बायोग्राफी है। फिल्म में दिखाया गया कि किस तरह से एक बेटा न होने के बाद भी महावीर फोगाट हार नहीं मानते और अपनी बेटियों को ही रेसलर बनाने का फैसला करते है और साथ ही पूरा करते है देश के लिए गोल्ड लाने का सपना। फिल्म को ग्लोबली भी काफी पसंद किया गया, फिल्म दंगल ने करीब 2000 करोड़ की कमाई की थी, जो कि अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म है।
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मैरी कॉम(Mary kom)- मैरी कॉम मणिपुर की एक फाइटर मां की कहानी है, जिसने ये साबित किया कि मां से ताकतवर कोई नहीं। किस तरह से मां बनने के बाद भी अपनी बॉक्सिंग के सपने को पूरा करने के लिए मैरी कॉम हर संघर्ष को करने के लिए तैयार थी। जिसमें मैरी के पति पूरा सहयोग देते है। 2014 में आई मैरी कॉम लो बजट की फिल्म थी लेकिन इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा के काम को काफी सराहना मिली थी।
सुल्तान (Sultan)- कुश्ती को लेकर एक और फिल्म आई, जिसने ये दिखाया कि किस तरह से एक पुरुष और महिला खिलाड़ी को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। फिल्म सुल्तान में सलमान खान(Salman khan) और अनुष्का शर्मा (Anushka sharma) पहलवान होते है। अनुष्का शर्मा कई मामलों में सलमान से ज्यादा प्रतिभाशाली होती होती है लेकिन सुल्तान के सपनों के लिए उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। फिल्म प्रेरणा देती है उन लोगों को जो हार मान लेते है, लेकिन सुल्तान सिखाता है कि हार कर फिर से कैसे जीता जाता है। फिल्म ने करीब 623 करोड़ रुपय की कमाई की थी।
अपने (Apne)– इस लिस्ट में अगली फिल्म है पारिवार के प्यार के लिए कुछ भी करेंगे का जूनून दिखाने वाली अपने। साल 2007 में आई फिल्म अपने में काफी लंबे समय के बाद धर्मेंद्र अपने दोनों बेटों सनी देओल और बॉबी देओल के साथ नजर आए थे। फिल्म में दिखाया गया कि किस तरह से अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए एक बेटा मौत से भी लड़ जाता है तो वहीं एक भाई अपने भाई को बचाने के लिए वो कर दिखाता है जो सालों की ट्रेनिंग के बाद भी बॉक्सर नहीं कर पाते है। हालांकि कमाई के मामले में अपने नहीं चली थी लेकिन लोगों के बीच ये काफी पसंद की गई।
मुक्काबाज (mukkabaz)- मुक्काबाज एक ऐसी फिल्म है जो दर्शाती है कि किस तरह से राजनीति के आगे कई बार प्रतिभा दम तोड़ देती है। प्रतिभावान खिलाड़ी भी अपनी जिम्मेदारियों, पारिवारिक क्लेश और गंदी राजनीति का शिकार होकर अपने सपनों का गला घोंट देता है। 2017 में आई मुक्काबाज एक लो बजट की फिल्म थी लेकिन फिल्म को क्रिटिक्ट ने काफी सराह था।
आम लोगो के लिए एक मुक्केबाज का संघर्ष समझना शायद थोड़ा मुश्किल है लेकिन इन फिल्मों के जरिए आम लोगो को भी काफी करीब से उनकी मेहनत को देखने के लिए मिला। इनकी जिंदगी दूसरों के लिए एक प्रेरणा है।