बचपन में हम हजारों गलतियां करते हैं पर कुछ से हम बहुत कुछ सीख लेते हैं। हिंदी सिनेमा की दिग्गज गायिका रहीं लता मंगेशकर बचपन में बहुत शरारती रही थीं। लता जी की मां उन्हें जब पकड़कर बहुत मारती तो गुस्से में वो कहती थीं ‘घर छोड़कर जा रही हूं’। लता मंगेशकर घर छोड़कर सड़क पर खड़ी हो जाती थीं तब उनकी मां उनके पीछे भागतीं क्योंकि घर के पास ही एक तालाब था जिसकी वजह से मां को डर होता की लता जी कहीं तालाब में गिर ना जाएं।
एक दिन जब घर से भागीं तो उनके पिता जी ने कहा कि ‘इसे घर छोड़कर जाने दो और कोई भी उसे रोकने नहीं जाएगा’। ऐसे में लता मंगेशकर को लगा को मजाक चल रहा है, लेकिन तब सच में कोई नहीं आया। कोई भी उन्हें रोकने आया ही नहीं। लता जी के पिता ने उनको समझाया कि क्या सही है, क्या गलत इसका तुम्हें खुद फैसला करना है क्योंकि जिंदगी के मोड़ पर आप जब तन्हां चलेंगे तो आपका कोई साथ देने नहीं आता। तब आपको खुद ही फैसला करना होता है कि कहीं आप गलत रास्ते पर तो नहीं है।
बाद में ऐसे किस्से बताकर लता जी कहती आज सोचकर हंसी आती है जब भी वो दिन याद आता है जिस दिन मैं घर से भाग गई थी।