भारत की स्वर सम्राज्ञी ‘लता मंगेशकर’ अब इस दुनिया में नहीं रहीं। काफी समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। लता मंगेशकर मध्य प्रदेश के इंदौर में 28 सितंबर 1929 को पैदा हुईं। अपनी आवाज के जादू से लाखों दिलों पर लता दीदी राज करती रहीं और दुनिया से जाने के बाद भी वो दिलों में जिंदा रहेंगी।
लता दीदी को स्वर कोकिला के नाम से जाना गया। लता मंगेशकर एक जादुई आवाज की मालकिन थी जो सात दशकों से गायकी की दुनिया में छाई रही। लता जी ने करीब करीब 30 हजार से ज्यादा गाने गाए। लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर थे जोकि एक क्लासिकल सिंगर और थिएटर आर्टिस्ट रहे। लता मंगेशकर अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। लता मंगेशकर का जन्म के वक्त ‘हेमा’ नाम रखा गया पर फिर कुछ साल बाद अपने थिएटर के एक पात्र ‘लतिका’ के नाम पर उनका नाम लता रख दिया गया। उनके पिता ने उनका नाम ‘लता’ रखा।
लता मंगेशकर से जुड़ी एक कहानी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। लता मंगेशकर की जिंदगी का ये किस्सा शायद आपको भी न पता हो। जब लता 32 साल की थी तब साल 1962 में उन्हें स्लो प्वॉइजन दिया गया था। लता जी की बेहद करीबी रहीं पद्मा सचदेव ने अपनी किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में इसका जिक्र किया है। इसके बाद वो तीन महीनों तक बेड रेस्ट पर रहीं और तब उन्होंने कोई गाना नहीं गाया था। वैसे उन्हें मारने की कोशिश किसने और क्यों कि इस बारे में कभी खुलासा नहीं हो पाया।