11 मार्च को थिएटर में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब होती नजर आ रही है। फिल्म लोगों को थिएटर में आने को मजबूर कर रही है। लोग इसे काफी बढ़िया रिस्पॉन्स भी देते नजर आ रहे हैं और बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की ताबड़तोड़ कमाई का सिलसिला जारी है।
फिल्म में कश्मीरी पंडितों ने 3 दशक पहले यानी 1990 के दौरान जिन हालातों का सामना किया था, उससे रूबरू कराने की कोशिश की गई है। रातों रात कैसे पंडितों को उनके घरों को छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा था। फिल्म की कहानी बताती है कि उस दौरान कश्मीरी पंडितों के साथ जो कुछ भी हुआ, वो पलायन नहीं था, बल्कि भीषण नरसंहार था। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को नहीं बख्शा गया था।
इस बीच कई राज्य ऐसे हैं, जहां इस फिल्म को टैक्स फ्री घोषित कर दिया गया है। हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात में फिल्म पहले ही टैक्स फ्री डिक्लेयर कर दी। अब इस लिस्ट में एक नया नाम उत्तर प्रदेश का भी जुड़ा गया है। यूपी में भी कश्मीर फाइल्स टैक्स फ्री घोषित की जा चुकी है।
मूवी टैक्स फ्री करने का मतलब और मकसद…
फिल्म टैक्स फ्री करने का मतलब है टिकट पर टैक्स से छूट मिलना। आम तौर पर वो फिल्म जो ऐसे मुद्दे पर बनी होती है, जिससे समाज में कोई मैसेज जाए, किसी नेशनल हीरो पर बनीं फिल्म या फिर ऐसी फिल्म जिनमें किसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक सामाजिक तथ्यों को दिखाया जाता है, उन्हें कई राज्यों की सरकारें टैक्स फ्री घोषित कर देती है।
ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे बड़ी संख्या में लोग फिल्म देख सके। टैक्स फ्री होने से फिल्म की टिकट के दाम कुछ कम हो जाते है और ज्यादा से ज्यादा लोग फिल्म देखने थिएटर में पहुंचते हैं।
मूवी की टिकट पर कितना टैक्स लगता है?
पहले फिल्म की टिकट पर एंटरटेनमेंट टैक्स लगा करता था, जिनका फैसला राज्य सरकारों के हाथ में होता था। वो तय करती थीं कि टिकट पर कितना टैक्स लगेगा। हालांकि 2017 में GST आने के बाद इसमें भी बड़ा बदलाव हुआ। केंद्र सरकार ने तय किया कि पूरे देश में फिल्म की टिकटों पर 28 प्रतिशत GST लगाया जाएगा, जो केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के बीच बराबर बंटेगा।
हालांकि फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को ये टैक्स ज्यादा है, जिसके चलते इसे कम करने की मांग की गई। बाद में 2018 में फिल्म टिकटों पर लगने वाली GST को दो स्लैब में बांटा गया। जिसमें 100 रुपये तक के टिकट पर 12 प्रतिशत और 100 से ज्यादा के टिकट पर 18 प्रतिशत का टैक्स लगता है।
टैक्स फ्री होने से टिकट के कितने कम होते हैं दाम?
फिल्म टैक्स फ्री होने पर टिकट के दाम कुछ कम हो जाते हैं। टिकट पर जो स्टेट टैक्स का हिस्सा होता है वो माफ हो जाता है। किसी टिकट का बेस प्राइज 100 से ज्यादा है, तो उस पर 18 की जगह 9 परर्सेंट का टैक्स लगेगा। क्योंकि राज्य सरकार के टैक्स का हिस्सा कम हो जाएगा, लेकिन केंद्र का नहीं। मान लीजिए अगर टिकट का बेस प्राइस 400 रुपये का है, तो सारे प्राइज मिलाकर टिकट 464 रुपये का पड़ेगा। वहीं टैक्स फ्री होने पर टिकट 436 रुपये देने होंगे। दर्शकों को सेंट्रल GST के तौर पर टैक्स देना ही होता है।
ढेर सारी फिल्में की जा चुकी हैं टैक्स फ्री डिक्लेयर
फिल्मों को टैक्स फ्री घोषित करने का चलन काफी लंबे समय से चला आ रहा है। 1960 में सत्येन बोस की फिल्म मासूम को टैक्स फ्री डिक्लेयर किया गया था। इसके अलावा आज तक टैक्स फ्री घोषित की जा चुकी है। जिसमें आमिर खान की तारे जमीन पर और रंग दे बसंती से लेकर मैरी कॉम की बायोपिक तक ढेरों फिल्में शामिल रहीं, जिन्हें एंटरटेनमेंट टैक्स से मुक्त किया गया। इससे पहले दीपिका पादुकोण की छपाक को कई राज्यों में टैक्स फ्री किया था। वहीं, यूपी में अजय देवगन की फिल्म तान्हाजी: द अनसंग हीरो को टैक्स फ्री घोषित किया था। कंगना की मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी भी यूपी में टैक्स फ्री डिक्लेयर हुई थी। इसके अलावा हाल ही में 1983 वर्ल्ड कप पर बनी 83 फिल्म दिल्ली में टैक्स फ्री घोषित हुई थी।