90 के दशक में अभिनेत्री नंदिता दास ने अपने अभिनय से फिल्मी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई. ये उन नंदिता दास उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जिन्होंने अपने किरदारों से अलग छाप छोड़ी है. हिंदी ही नहीं बल्कि 10 अलग-अलग भाषाओं में काम करने वाली अभिनेत्री नंदिता का जन्म 7 नवंबर को मुंबई में जन्म हुआ था, लेकिन इनका पालन-पोषण दिल्ली में हुआ है. आज हम आपको इनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बाते बताने जा रहे हैं.
दीपा मेहता की फिल्म फायर में नंदिता ने समलैंगिक भूमिका निभाई. इस दौरान उन्होंने ना सिर्फ बॉलीवुड में पारंपरिक ब्यूटी को चुनौती दी इसके अलावा नंदिता को मॉर्डन समय की स्मिता पाटिल भी बोला गया.
भारत की पहली मेनस्ट्रीम फिल्म फायर में समलैंगिक रिश्तों पर गंभीरता से बात की गई थी. इस फिल्म में फैमिली ड्रामा दिखाते हुए एक रुढ़िवादी परिवार को दिखाया गया था. इस फिल्म में एक ही घर की 2 औरतों को आपस में प्यार हो जाता है. बता दें कि इस फिल्म को लेकर बहुत बवाल भी हुआ था, इतना ही नहीं भारत में तो ये फिल्म रिलीज होने को लेकर काफी मुश्किल में थी. वहीं, इस फिल्म के रिलीज होने के लगभग 2 दशक बाद देश में समलैंगिकता पर संवेदनशील फिल्में गिनी चुनी ही बनी हैं.
फिल्म फायर को फेस्टिवल्स में बहुत सराहा गया था. ये फिल्म स्पेन, यूके,फ्रांस और अमेरिका में 14 अवॉर्ड्स जीतने में कामयाब रही थी. वहीं, इस फिल्म में काम करने के बाद दीपा मेहता की फिल्म अर्थ में भी नंदिता दास ने काम किया था.
डायरेक्शन में भी आजमाया हाथ
अभिनेत्री नंदिता ने अभिनेय के अलावा डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया. उन्होंने मणिरत्नम, श्याम बेनेगल जैसे बहुते से दिग्गज डायरेक्टर्स के साथ काम किया. बता दें कि इन्होंने कई अलग भाषाओं में 40 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग की है. उनकी पहली निर्देशित फिल्म फिराक साल 2008 में रिलीज हुई थी और साल 2018 में उन्होंने लेखक मंटो की बायोपिक भी बनाई थी, जिसमें अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने काम किया था. इस फिल्म को कई फेस्टिवल्स में सराहा गया था और इसकी क्रिटिक्स ने बहुच तारीफ की थी.