सुशांत सिंह राजपूत केस अब कुछ अलग ही मोड़ ले चुका है. अब इस पूरे केस की ड्रग्स के एंगल से जांच हो रही है. हाल ही में उनकी वायरल चैट में रिया चक्रवर्ती के ड्रग कनेक्शन का खुलासा हुआ है. उन पर संदेह जताया जा रहा है कि वो सुशांत को ड्रग्स दिया करती थी. इसमें सबसे ज्यादा जिस ड्रग की चर्चा हो रही है, उसका नाम CDB आयल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रिया ये ड्रग सुशांत को डिप्रेशन से आराम देने के लिए दिया करती थी. बता दें कि ये ड्रग इतनी खतरनाक है कि इसे भारत में बैन किया जा चुका है. आइये जानें इंसान के शरीर पर ये ड्रग किस कदर असर डालती है.
भांग के पौधे का है मूल तत्व
इस मामले में जिस ड्रग का नाम बार बार सामने आ रहा है उसे कैनबिडीओल कहते है. ये 1940 में खोजा गया था और एक फाइटो कैनाबिनोइड है. भारत में भांग और गांजे की फैमिली माने जाने वाले ये उन 113 कैनाबिनोइड में से एक है. इसे किसी भांग के पौधे का मूल तत्व माना जाता है. इस पौधे में बीज नहीं पड़ते बल्कि ये फूल, पत्तियों और डंठल से बनता है. काफी समय तक इसे दर्द को कम करने वाले तेल के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है.
कैंसर के मामले में उपयोगी
हालांकि इस ड्रग का कैंसर और दर्द को कम करने में भी उपयोग होता रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक लोगों को इसको लेने पर उतना भारी नशा नहीं होता जिसको लेने के बाद वो उसके एडिक्ट हो जाए. हालांकि इन सब के बावजूद भी इसको लेकर कई प्रतिबंध है. और डॉक्टर के बिना प्रेस्क्रिप्शन के इसको लेना काफी खतरनाक बताया गया है. अमेरिका में ये लीगल पर इसके बावजूद भी ये प्रतिबंध के साथ ही मिलता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी भी इसकी पूरी तरीके से स्टडी की जानी बाकी है. साथ ही इसके कई सारे साइड इफेक्ट्स जैसे थकान, उलटी, चिड़चिड़ाहट, खून को पतला कर देना आदि देखे गए हैं. साथ ही अगर आपको कोई दूसरी बीमारी हो तो इसको लेने पर उल्टे असर दिखाई दे सकते हैं.
जिंदगी से धोना पड़ सकता है हाथ
इसके अलावा एक और ड्रग जिसका नाम MDMA यानि मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथाम्फेटामाइन है, उसे भी काफी घातक माना गया है. ये भारत में बैन है लेकिन विदेशों से ये तस्करी के जरिये मंगाई जाती है. इसकी डिमांड का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इसकी एक गोली हजार रुपये से भी ऊपर की आती है. एक गोली या एक डोज लेने के 40 से 50 मिनट के भीतर इसका असर दिखने लगता है. उसे लेने वाला काफी खुश महसूस करता है. लेकिन ओवरडोज लेने पर किसी की जान जाने का भी खतरा रहता है. अगर कोई व्यक्ति दो सालों तक लगातार ये ड्रग लेता रहे तो उसकी फैसले लेने की क्षमता पूरी तरह ख़त्म हो जाती है.