सुरों की मालकिन और देश की लाजवाब गायिका लता मंगेशकर अब इस दुनिया में तो नहीं रहीं लेकिन उनसे जुड़ी कहानी और किस्से, उनके गाए गए गाने हमेशा उन्हें जिंदा रखेंगे। वो कहती थीं कि उनके और उनके भाई-बहनों के बीच कभी भी लड़ाई नहीं हुई। वो एक-दूसरे से हमेशा प्यार करते। वो कहती थीं समय जब रिश्तों के बीच दूरी बनाता है तो आपस की दूरियों को समय ही मिटा भी देता है।
लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर नहीं जानते थे कि लता जी में गाना गाने की कला है। लता मंगेशकर की मां गाना नहीं बल्कि गीतों की लय को समझती थी पर सुबह साढ़े पांच बजे ही तानपुरा बजाते हुए लता जी के पिता जी गीतों को गाना शुरू कर देते थे। लता जी महज चार या पांच साल की होगीं तब पिता समझ पाए कि लता मंगेशकर में भी गीतों की लय की समझ हैं और उनकी आवाज सुरीली है।
लता जी तब निराश हुई जब गायक और म्यूजिक कंपोजर स्वर्गीय भूपेन हजारिका और उनके के बीच प्रेम संबंध होने का दावा किया गया था।ये दावा किसी और ने नहीं बल्कि भूपेन हजारिका की पत्नी प्रियंवदा ने किया था। इस बात की कल्पना करना भी लता जी के लिए अपने आपको दुख देने जैसा था।