32 साल पहले पंडितों के साथ कश्मीर में जो कुछ हुआ, उससे अब तक कई लोग अनजान थे। डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने द कश्मीर फाइल्स के जरिए 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई बेरहमी को पर्दे पर उतारा। फिल्म दर्शकों को झकझोंर कर रख रही है। देश-विदेश में द कश्मीर फाइल्स काफी सुर्खियां बटोर रही हैं। बॉक्स ऑफिस पर भी इस फिल्म का तूफान आया है। द कश्मीर फाइल्स 200 करोड़ से भी ज्यादा की कमाई कर चुकी है।
द कश्मीर फाइल्स को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है। किरदारों को लेकर भी ये कहा जा रहा है कि ये रियल लाइफ से ही लिए गए हैं। ऐसे में आज हम आपको द कश्मीर फाइल्स में दिखाई गई कई और कैरेक्टर के पीछे की रियल स्टोरी बताने जा रहे हैं…
कृष्णा पंडित…
सबसे पहले बात करते हैं फिल्म के मेन कैरेक्टर कृष्णा पंडित की। फिल्म में कृष्णा पंडित के रोल में दर्शन कुमार नजर आ रहे हैं। फिल्म की पूरी कहानी उनके इर्द-गिर्द घूमती दिख रही है। मूवी में कृष्णा पंडित का किरदार JNU के कन्हैया कुमार से प्रेरित दिखता है। कृष्णा और कन्हैया के नाम भी लगभग एक से ही हैं। फिल्म में कृष्णा AMU में प्रेसिडेंट इलेक्शन के लिए खड़ा होता है, वहीं कन्हैया JNU स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट रहे थे। हालांकि कृष्णा पंडित की कहानी को काफी अलग दिखाया गया है। कृष्णा भी एक कश्मीरी पंडित फैमिली से बिलॉग करते हैं और उनके परिवार पर भी पलायन के दौरान जुल्म हुए थे।
राधिका मेनन
फिल्म में ऐसे कई कैरेक्टर हैं, जिसे दो लोगों की कहानी से मिलकर बनाया गया। फिल्म में दिखाया गया प्रोफेसर राधिका मेनन का किरदार भी ऐसा ही है, जिसे पल्लवी जोशी ने निभाया। राधिका का किरदार JNU की प्रोफेसर निवेदिता मेनन से मिलता-जुलता दिखाता है, जिन्होंने 2016 में स्पीच दी थीं। फिल्म में राधिका ने इस स्पीच की कुछ लाइनें भी बोली हैं। इसके साथ ही इस किरदार में अरुंधती रॉय की भी झलक देखने को मिलती है। एक सीन फिल्म में दिखाया गया जिसमें राधिका मेनन एक प्रोफेसर का हाथ थामे नजर आती है। असल में अरुंधती रॉय आतंकी यासीन मलिक के साथ ऐसे ही नजर आई थीं।
बीके गंजू
फिल्म में दिखाया गया बीके गंजू का किरदार भी एकदम रियल है। बीके गंजू एक इंजीनियर थे। जैसा फिल्म में दिखाया गया उनके साथ ठीक वैसा ही हुआ था। वो आतंकियों के डर से चावल के ड्रम में छिपे थे, जिसे आंतकियों ने गोलियों से भून डाला था।
शारदा पंडित
अब आते हैं शारदा पंडित पर। फिल्म में इस किरदार ने सबको झकझोंर कर रख दिया। शारदा पंडित की कहानी भी दो रियल लाइफ स्टोरीज को मिलाकर दिखाई गई है। इसमें एक बीके गंजू की वाइफ और दूसरी गिरिजा टिकू की कहानी है। बीके गंजू को गोलियों से भुनने के बाद आतंकियों ने उसकी पत्नी को खून से सने हुए चावल खिलाए थे। इसके अलावा फिल्म में शारदा को आरा मशीन से दो हिस्से में काट दिया जाता है। असल में गिरिजा टिक्कू के साथ यही हुआ था। गैंगरेप करने के बाद इसी बर्बरता को अंजाम दिया गया था।
बिट्टा कराटे
फिल्म में बिट्टा कराटे का किरदार भी काफी सुर्खियां बटोर रहा है। इस किरदारों में भी दो लोगों की झलक देखने को मिलती है। पहला आतंकी फारूक अहमद दार उर्फ बिट्टा कराटे ही है और दूसरा यासीन मलिक। फिल्म में बिट्टा कराटे का वो इंटरव्यू का सीन भी दिखाया गया, जिसमें उसने 20 पंडितों को मारने की बात कबूली थीं। वहीं यासीन मलिक पर 4 एयरफोर्स ऑफिसर की हत्या का आरोप है, उसे भी फिल्म में दिखाया गया।
फारूक अब्दुल्ला
वहीं फिल्म में कई नेताओं की झलक भी देखने को मिली। मूवी में एक किरदार की चर्चा में ये कहा जाता है कि सीएम गॉल्फ खेलने और बॉलीवुड एक्ट्रेसेस को बाइक पर घूमाने में बिजी है। ये निशाना जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की तरफ है।
फिल्म में दिखाए गए ये सीन्स हैं रियल…
साथ ही फिल्म में दिखाए गए अधिकतर सीन एकदम रियल हैं। जैसे आतंकियों का एयरफोर्स के अधिकारियों को मारने वाला सीन। ऐसा सच में हुआ था। 25 जनवरी 1990 को एयरफोर्स अधिकारी रवि खन्ना के साथ उनके साथियों को आतंकियों ने मार दिया था। इसके अलावा मूवी में दिखाया जाने वाले लास्ट सीन जिसमें आतंकी एक लाइन में खड़ाकर कर 24 लोगों को गोलियों से भूनते हैं, वो भी रियल हैं। ये घटना साल 2003 में हुई थी, जिसे नंदीमार्ग नरसंहार से जाना जाता है।