15 अगस्त आने वाला है। वो दिन जब भारत को ब्रिटिश राज से आजादी मिली थीं। हर साल 15 अगस्त को बॉलीवुड की तरफ से भी खास बनाने की कोशिश की जाती है। इस दौरान कोई ना कोई देशभक्ति पर बनी नई फिल्म हमें देखने को मिल ही जाती है। ऐसा ही इस साल भी है। 15 अगस्त के आने से पहले देशभक्ति से जुड़ी फिल्म रिलीज होने का सिलसिला शुरू हो गया। अभी तो सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म ‘शेरशाह’ रिलीज हुई है।
फिल्म में दिखाई गई विक्रम बत्रा की जाबांजी
शेरशाह ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर रिलीज की हो चुकी है। मूवी में 1999 का कारगिल युद्ध को दिखाया गया है। वैसे तो कारगिल युद्ध की कहानी अब तक कई फिल्मों में दिखाई जा चुकी हैं, लेकिन शेरशाह कुछ खास है। इस फिल्म में शहीद विक्रम बत्रा की शौर्य गाथा दिखाई गई। वो विक्रम बत्रा, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान बहादुरी दिखाते हुए दुश्मनों को परास्त किया। वो विक्रम बत्रा जो लड़ते-लड़ते देश के लिए शहीद हो गए। उनकी जाबांजी की कहानी पर ही सिद्धार्थ मल्होत्रा की शेरशाह आधारित है।
कारगिल युद्ध के बारे में तो हर देशवासी को मालूम ही होगा। लेकिन शायद लोगों को उन हीरोज के बारे में नहीं मालूम होगा, जिन्होंने युद्ध के दौरान पाकिस्तान को घुटने टेकने को मजबूर किया था। ऐसे ही एक हमारे हीरो थे, विक्रम बत्रा।
कुछ ऐसी है मूवी की कहानी
शेरशाह में उनकी कहानी को बारीकी से दिखाया गया। उनके कॉलेज लाइफ, प्यार से लेकर आर्मी का हिस्सा बनने और फिर 24 साल की उम्र में कारगिल युद्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने तक, फिल्म में आपको उसने जुड़े हर पहलू के बारे में देखने मिलेगा।
मूवी की कहानी की शुरुआत होती है, विशाल बत्रा से…जो एक टॉक शो में अपने भाई विक्रम बत्रा की कहानी दुनिया को बता रहे होते हैं। पालमपुर के रहने वाले विक्रम ने बचपन में ही सपना देख लिया था कि वो आर्मी ज्वॉइन करेंगे। 1996 में वो भारतीय सैन्य अकादमी में दाखिला लेते हैं। ट्रेनिंग के बाद 23 साल के विक्रम को जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में बतौर लेफ्टिनेंट नियुक्त किया जाता है।
कारगिल युद्ध के दौरान विक्रम ने जम्मू-कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन का नेतृत्व किया था। तब हमारी सेना के जाबांजों ने ऊंची ठंडी-बर्फीली चोटियों पर चढ़ते हुए पाकिस्तान को हराया था। जिसमें विक्रम बत्रा जैसे अनेक बहादुर शामिल थे। इस युद्ध के दौरान एक कोडवर्ड भी उन्हें मिलता है, जो था- शेरशाह। और जीत का कोड था- ‘ये दिल मांगे मोर’। फिल्म में कई दमदार डायलॉग भी हैं, जैसे जब विक्रम (सिद्धार्थ मल्होत्रा) छुट्टियां कैंसिल कर युद्ध के लिए जाते हैं, तो वो कहते हैं- “या तो मैं तिरंगा लहराकर आऊंगा, या तिरंगे में लिपटा हुआ आऊंगा, पर मैं आऊंगा जरूर..”।
वैसे तो शेरशाह में विक्रम बत्रा की जाबांजी और कुशल नेतृत्व पर ही फोकस किया गया है। लेकिन साथ में उनकी लव स्टोरी भी दिखाई गई। चड़ीगढ़ के एक कॉलेज में पढ़ने वाले विक्रम, डिंपल (कियारा आडवाणी) के प्यार में पड़ जाते हैं।
सिद्धार्थ की दमदार एक्टिंग से इंप्रेस हुए लोग
सिद्धार्थ के करियर को इस वक्त जिस फिल्म की जरूरत थी, शेरशाह वो फिल्म बन सकती है। मूवी में सिद्धार्थ की एक्टिंग दमदार है। शहीद विक्रम बत्रा के रोल में वो अच्छे लग रहे हैं। कियारा समेत फिल्म में बाकी लोगों की एक्टिंग भी अच्छी है।
मिल रहा जबरदस्त रिस्पॉन्स
अब बात करते हैं फिल्म को सोशल मीडिया पर मिल रहे रिव्यू की। तमाम लोग इसे देखकर सोशल मीडिया पर अपना अपना रिव्यू दे रहे हैं। सिद्धार्थ की फिल्म उन्हें कैसी लग रही है, आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं…
ट्विटर पर एक यूजर ने शेरशाह का रिव्यू करते हुए इसकी जमकर तारीफ की। उन्होंने लिखा- ‘हमारे राष्ट्र के लिए खुद को बलिदान करने के लिए शहीद विक्रम बत्रा को सलाम। क्या कहानी है!! क्या फिल्म है!! सिद्धार्थ मल्होत्रा का क्या प्रदर्शन है। करियर की बेस्ट फिल्म। कोई अन्य शब्द नहीं। क्लाइमेक्स में सिड ने मुझे रुला दिया। इंडियन आर्मी मैं आपको नमन करता हूं। सीमाओं पर आप सभी जवानों को प्यार।’
एक दूसरे यूजर ने लिखा- ‘अभी इस जबरदस्त फिल्म को देखकर खत्म किया। बहुत पसंद आई। सिद्धार्थ मल्होत्रा की अब तक की बेस्ट परफॉर्मेंस…अद्भूत। 2021 की अब तक की बेस्ट मूवी है ये।’
देखें या ना देखें?