ड्रग्स मामले में बॉलीवुड की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही हैं। पिछले साल एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एक ड्रग्स का मामला निकलकर सामने आया था, जिसमें कई बॉलीवुड एक्ट्रेस के नाम सामने आए। ये मामला काफी समय तक सुर्खियों में भी रहा। साथ ही इस दौरान बॉलीवुड की काफी बदनामी भी हुई थीं।
NCB ने आर्यन खान को किया गिरफ्तार
ये मामला अब ठंडा पड़ चुका था, लेकिन इस बीच अब बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन भी इसी तरह के विवादों में घिर गए। बीती रात नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी NCB ने हाईप्रोफाइनल लोगों की क्रूज पार्टी में रेड मारी। इस दौरान भारी मात्रा में ड्रग्स NCB को वहां से बरामद किया गया। शाहरुख खान के बेटे आर्यन भी इस पार्टी में शामिल थे।
जिसकी वजह से NCB का शिकंजा अब उन पर कस रहा है। जो ताजा अपडेट इस मामले में मिल रही है, उसके मुताबिक NCB ने पूछताछ के बाद आर्यन खान को गिरफ्तार कर लिया। आर्यन के साथ उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धोमेचा को भी अरेस्ट किया गया।
क्या कहता है इससे जुड़ा कानून?
ऐसे में सवाल ये उठता है कि किसी शख्स के पास या फिर पार्टी से अवैध नशीले पदार्थ पाए जाते हैं, तो ऐसे में इस मामले में क्या और कितनी सजा हो सकती है? इसके लिए कानून क्या है? आइए इस पर चर्चा कर लेते हैं…
भारत में कोई भी नशीला पदार्थ हो, उससे जुड़े मामलों को लेकर दो तरह के कानूनों के अंतर्गत कार्रवाई होती है। इनमें एक कानून है नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज एक्ट-1985, जिसे NDPS एक्ट भी कहते हैं। कानून के मुताबिक किसी के तरह के नशीले पदार्थ जो अवैध हैं, उनकी खेती, उत्पादन, रखने, बेचनेस, खरीदने, उसका व्यापार या इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। हालांकि इस कानून के अंतर्गत कुछ चिकित्सीय और वैज्ञानिक मामलों में इस्तेमाल पर छूट दी गई है।
नारकोटिक्स ड्रग्स में गांजा, चरस, हशीश, हेरोईन और अफीम समेत और भी कई सिंथेटिक ड्रग्स शामिल है। भारत में इनका इस्तेमाल करना पूरी तरह से अवैध है। कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति नशीले पदार्थ का सेवन या फिर उसके पास से ये पदार्थ मिलते हैं, तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के अधिकार मिलता है। इस दौरान कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे जुर्माने के साथ साथ जेल तक की सजा का प्रावधान इस कानून के तहत है।
कितनी सजा का होता है प्रावधान?
NDPS एक्ट के अनुसार मामले पर सजा क्या होगी, ये ड्रग्स की मात्रा पर आधारित है।
मात्रा छोटी होने पर कम सजा मिलती है। अगर चरस या हशीश की मात्रा 100 ग्राम और गांजे की 1000 ग्राम तक हो तो ऐसे में 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर साथ ही 6 महीनों की सजा भी हो सकती है या दोनों ही हो सकती हैं। अगर पकड़ा गया चरस या गांजा किसी और तरह का विकसित पदार्थ है, तो जेल की सजा बढ़ाई भी जा सकती है।
वहीं अगर नशीले पदार्थ छोटी मात्रा से अधिक लेकिन बेचने लायक मात्रा से कम हो, तो ऐसे में सख्त सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही 10 साल की कठोर कारावास भी हो सकती है।
वहीं बेचने लायक मात्रा यानी व्यापारिक मात्रा में नशीला अवैध पदार्श है, तो ऐसे मामलों में कम से कम 10 साल की सजा कानून के तहत होती है। ये बढ़ाकर 20 सालों तक भी की जा सकती है। इसके अलावा ऐसे मामलों में एक लाख से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।