आज सिनेमाघरों में भारतीय महिला टीम की सबसे सफल कप्तान और महान बल्लेबाज मिताली राज की बायोपिक ‘शाबाश मिथु’ (Shabaash Mithu) रिलीज हो गई है। इस बायोपिक को दर्शकों और फिल्म क्रिटिक्स का अच्छा रिव्यु (Shabaash Mithu Review) मिल रहा है। फिम्ल में बेहतरीन अदाकारा तापसी पन्नू मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का निर्देशन सृजित मुखर्जी ने किया है। तापसी की इस फिल्म को लेकर पहले से ही देश में काफी बज्ज बना हुआ था। क्यूंकि इस फिल्म में वो भारतीय क्रिकेट टीम को पहुँचाने वाली मिथाली राज का किरदार जो कर रहीं थी।
शाबाश मिथु की कहानी
फिल्म तापसी पन्नू उर्फ मिट्ठू की कहानी है जिसे भारत जैसे देश में महिला क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए अपने मां-बाप से लेकर चयनकर्ताओं तक से लड़ना पड़ता है। जब वह छोटी थी तो गेंद-बल्ले के इस खेल को खेलना चाहती थी लेकिन हमारे देश में तो क्रिकेट को पुरुषों का खेल समझा जाता था और उसका मजाक बनाया जाता है। एक कोच ने मदद की तो वह अपने सपने को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ाती है लेकिन क्रिकेट एकेडमी में भी उसे दूसरी फीमेल क्रिकेटर्स टॉर्चर करती हैं।
मिट्ठू मजाक बर्दाश्त करती है, परेशानियों को झेलकर, अपना खून बहाकर जब वह मैदान में उतरती है तो हर गेंद का जबरदस्त जवाब अपने बल्ले से देती है। वह अपनों के खिलाफ डटकर खड़ी रहती हैं और समाज से लोहा लेने में कभी पीछे नहीं हटती है। शाबाश मिट्ठू (Shabaash Mithu) केवल मिथाली राज के निजी संघर्ष और सफलता की कहानी नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं के संघर्ष और सफलता की कहानी है जो अपने पैरों में बंधी बेड़ियां तोड़ना चाहती हैं और आगे बढ़ना चाहती है। ये फिल्म बताती है कि कोई भी खेल महिला या पुरुष का नहीं होता, बल्कि सामर्थ्य का होता है और हौसले का होता है।
शाबाश मिथु में किरदारों का अभिनय
फिल्म में तापसी का काम वाकई बहुत कमाल का है। जहां जैसे भाव और तेवर की जरूरत थी, तापसी ने बखूबी वही दिखाए हैं। शाबाश मिथु के अन्य किरदार की बात करें तो , विजय राज , शिल्पा मारवाह , इनायत वर्मा , कस्तूरी जगनाम , मुमताज सरकार , बृजेंद्र काला और देवदर्शिनी आदि ने अपना शत प्रतिशत दिया है। श्रीजीत मुखर्जी का निर्देशन कबीले तारीफ हैं। उन्होंने इस फिल्म में हर तरह के रस डाले हैं। अमित त्रिवेदी का संगीत, स्वानंद किरकिरे, कौशर मुनीर और राघव एम कुमार के गीत जोश से भरे हैं। प्रिया एवेन ने लेखन में सधा हुआ काम किया है। कुल मिला कर देखा जाएं तो (Shabaash Mithu) एक देखने लायक फिल्म है, हालांकि इस फिल्म को महेंद्र सिंह की बायोपिक से तुलना नहीं कर सकते हैं। मेरी तरफ से शाबाश मिथु (Shabaash Mithu Review) को पांच में से 4 स्टार।