कहते हैं बॉलीवुड में कोई भी एक्टर किसी का दोस्त नहीं हो सकता क्योंकि स्टारडम के लिए एक्टर्स के बीच काफी कॉम्पिटिशन होता है। कई बार इस कॉम्पिटिशन के चलते एक्टर्स के बीच काफी तकरार देखने को मिलती है। ये कॉम्पिटिशन इस हद तक बढ़ जाती है कि कुछ स्टार्स एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते। वहीं कई स्टार्स अपने को-एक्टर्स को ही अपना राइवल मान लेते हैं और उनसे चिढ़ने लगते हैं। ऐसी ही एक तकरार बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना उर्फ काका और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के बीच भी थी। दोनों के बीच इतनी दुश्मनी थी कि राजेश खन्ना अमिताभ के नाम से ही चिढ़ जाते थे।
कहा जाता है कि राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार थे। वे ऐसे एक्टर थे जिन्होंने 1969 से 1971 तक लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दीं। यह अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। अमिताभ बच्चन भी इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाए हैं। अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना शुरुआत में बहुत अच्छे दोस्त थे। जब अमिताभ ने बॉलीवुड में एंट्री की, तब तक राजेश खन्ना सुपरस्टार बन चुके थे। लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच दूरियां बढ़ती गईं और राइवल्री शुरू हो गई।
फ्लॉप होने लगा काका का करियर
राजेश खन्ना ने स्टारडम का खूब लुत्फ़ उठाया लेकिन 1976 के बाद उनका चार्म कम होने लगा। दरअसल, इस दौरान उनकी कई बड़ी फ़िल्में जैसे महाचोर, बंडलबाज और महबूबा लगातार बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं। इसी दौरान अमिताभ बच्चन भी बॉलीवुड में आ चुके थे और स्ट्रगल कर रहे थे। तभी उन्हें राजेश खन्ना के साथ एक फ़िल्म मिली। यह फ़िल्म 1971 में रिलीज़ हुई ‘आनंद’ थी। इस फ़िल्म में सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ काम करके अमिताभ बच्चन काफ़ी ख़ुश हुए थे।
अमिताभ को मिली पहचान
जब यह फिल्म रिलीज हुई थी तो राजेश खन्ना ने सारी लाइमलाइट चुरा ली थी। दरअसल, अक्सर देखा जाता है कि जिस हिंदी फिल्म में अंत में हीरो की मौत हो जाती है, उसे दूसरे एक्टर्स से ज्यादा सहानुभूति मिलती है। ऐसा ही कुछ फिल्म आनंद के साथ भी हुआ था। हालांकि, इस फिल्म से अमिताभ बच्चन को भी पहचान मिली थी। जिसकी वजह से उन्हें इंडस्ट्री में काम मिलना शुरू हो गया और काका का करियर डूबता चला गया। अमिताभ बच्चन की एंट्री और लगातार फ्लॉप फिल्मों ने काका की जिंदगी में ऐसा अंधेरा ला दिया कि वो शराब में डूबने लगे। इस बात का खुलासा खुद राजेश खन्ना ने अपने एक इंटरव्यू में किया था।
एक फिल्म मैगजीन को दिए इंटरव्यू में राजेश खन्ना ने कहा, ‘ये मेरी असफलता का पहला अनुभव था कि मेरी सात फ़िल्में लगातार फ्लॉप हो गईं। बारिश हो रही थी, चारों तरफ़ अँधेरा था और मैं अपनी छत पर अकेला बैठा था। मैं बच्चों की तरह चिल्लाया और रोया।‘