आलिया भट्ट की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का टीजर बुधवार को रिलीज किया गया। टीजर में आलिया भट्ट एक बेहद ही दमदार किरदार निभाती नजर आ रही हैं। वो रोल है गंगूबाई काठियावाड़ी का। फिल्म के टीजर को काफी पसंद किया जा रहा है। आलिया इसमें एकदम हटके किरदार निभाती नजर आ रही हैं। भंसाली की ये फिल्म 30 जुलाई को रिलीज होगी।
गंगूबाई काठियावाड़ी का टीजर है जबरदस्त
पहले बात टीजर की कर लेते हैं… गंगूबाई काठियावाड़ी के टीजर की शुरुआत होती है इस दमदार डॉयलाग से- ‘कहते हैं कमाठीपुरा में कभी अमावस्या की रात नहीं होती, क्योंकि वहां गंगू रहती है’। इसके बाद गंगूबाई के रोल में आलिया कहती नजर आती हैं- ‘गंगू चांद थी, चांद ही रहेगी।’
टीजर में आलिया ने गंगूबाई के रोल में जो तेवर दिखाए वो जबरदस्त है। टीजर में ही एक के बाद एक जबरदस्त डॉयलाग वो बोलती हैं। वो कहती हैं- ‘इज्जत से जीना का..किसी से डरने का नहीं, ना पुलिस से, ना MLA से, ना किसी मंत्री से। किसी के बाप से डरने का नहीं।’ टीजर के अंत में ये डॉयलाग भी आता है- ‘मैं गंगूबाई, प्रेसिडेंट कमाठीपुरा…कुंवारी मुझे छोड़ा नहीं और श्रीमती कभी किसी ने बनाया नहीं।’ गंगूबाई का रोल आलिया पर काफी अच्छा लग रहा है। टीजर को मिले अच्छे रिस्पॉन्स के बाद अब लोग इस फिल्म का बेसब्री से इंतेजार कर रहे है।
कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी?
अब आपको बताते हैं कि आखिर कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी, जिन पर ये फिल्म बनी हैं। गूंगबाई का असली नाम हीगंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। उनका नाता गुजरात के काठियावाड़ से था। गंगा गुजरात के बहुत अच्छे परिवार से थीं। गंगा का सपना मुंबई जाकर हीरोईन बनने का था। 16 साल की छोटी उम्र में ही उन्हें अपने पिता के अकाउंटेंट से प्यार हो गया और वो उसके झांसे में फंस गई। गंगा ने उससे शादी कर ली। उसके पति ने उसे मुंबई में हीरोईन बनने के सपने दिखाए, लेकिन बाद में सिर्फ 500 रुपये में कोठे पर बेच दिया।
इसके बाद गंगा के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए और संघर्षों से लड़ते-लड़ते वो धीरे-धीरे कोठेवाली गूंगबाई बन गईं। गंगूबाई हमेशा ही सेक्सवर्कस के लिए अपनी आवाज उठाया करती थी और साथ ही उन्होनें अनाथ बच्चों के लिए भी कई अच्छे काम किए हैं। बता दें कि भंसाली की इस फिल्म की कहानी एस हुसैनी जैदी की किताब माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई के एक अध्याय पर बनीं है।
किताब के मुताबिक माफिया डॉन करीम लाला की गैंग के एक आदमी ने गंगूबाई का रेप किया था। जिसके बाद गंगूबाई, करीम लाल मिलीं और उनसे न्याय की मांग की। यही नहीं गंगूबाई ने करीम लाला को राखी तक बांधी थी।