लता मंगेशकर ने देश ही न ही विदेश में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। लता जी ने लोगों के दिल में अपने गीत से अलग पहचान बनाई है। लताजी का जन्म इंदौर शहर में हुआ था। 1940 में लताजी ने महज 11 साल की उम्र में गाना शुरु कर दिया था। उन्होंने पहली बार मराठी फिल्म “गडाभाऊ” में हिंदी गीत “माता एक सपूत की दुनिया बदल दे” को अवाज दी थी। 1989 में लता मंगेशकर को दादा साहब फाल्के अवार्ड मिला था। 2001 में उन्हे भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। लता जी सरल और निर्मम स्वभाव की है। सभी लोग उन्हें प्यार से दीदी कहकर पुकारते है।
बहन मीनाताई ने लताजी से जुड़े खुलासे किया
उम्र के इस पड़ाव में अगर आप सोचते है कि लता मंगेशकर अपने काम किसी ओर को करने को कहती है तो गलत सोचते है। लता जी की बहन मीनाताई मंगेशकर ने इंटरव्यू के दौरान कई खुलासे किए है। लता 90 साल की उम्र में भी गाना के रियाज करती है। इसी के साथ वो अपना खाना खुद बनाती है और सभी बच्चो को भी खिलाती है। आमतौर पर लता मंगेशकर मीडिया से दूरी बनाई नजर आती है। लेकिन सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहती है। इतना ही नही लता जी अलग-अलग मुद्दो पर ट्वीट भी करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि लता जी के ट्वीट कौन करता है क्या वो खुद करती है।
इसका जवाब लता मंगेशकर की बहन ने देते हुए कहा कि दीदी अपने सभी ट्वीट खुद करती है। वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है। पहले की तरह तानपुरा लेकर रियाज नहीं करती है। लेकिन गाना हर रोज गाती है। इतना ही नहीं दीदी हमारे बच्चों को अपने हाथ से खाना बनाकर खिलाती है।
उन्होंने कहा, ”आशा के बच्चे आते हैं तो उनको जो पसंद है वही बनाकर देती हैं। हमको आज भी वैसे ही संभालती हैं हमें कोई तकलीफ हो तो आज भी उनके पास ही जाते हैं। हृदयनाथ को तो अपना बेटा मानती हैं, मां-बाबा गए तो उनकी जगह दीदी ने ले ली। वही मां हैं वही बाबा हैं। हमारे गलत कामों पर भी दीदी को गुस्सा आता है तो खुद के ऊपर निकालती हैं हमारे ऊपर नहीं। हमें कभी नहीं डांटा। मैं, आशा या ऊषा आपस में झगड़ा करते हैं तो वही समझाती हैं।” लता मंगेशकर ने 70 साल तक हिंदी सिनेमा पर राज किया है। आज भी उनके गाने सुनकर दिल खुश हो जाता है। किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार के साथ न जाने कितने हिट गाने गाए है।