I am a Disco Dancer, जिमी-जिमी आजा-आजा…जैसे ढेरों गानों पर लोगों को थिरकाने वाले बप्पी लहरी की आवाज अब हमेशा के लिए खामोश हो गई। बप्पी दा अब इस दुनिया में नहीं रहे। बुधवार सुबह उनके निधन की शॉकिंग खबर आई। मुंबई के एक अस्पताल में बप्पी लहरी ने आखिरी सांसें लीं।
बप्पी लहरी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। बताया जा रहा है कि वो करीब एक महीने से अस्पताल में एडमिट थे। सोमवार को ही उन्हें छुट्टी मिली और फिर मंगलवार को एक बार फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई। बप्पी दा को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। बप्पी दा कई समस्याओं से जूझ रहे थे।
कोलकाता में हुआ था बप्पी दा का जन्म
बप्पी लहरी को डिस्को किंग के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बॉलीवुड के गानों में पॉप का तगड़ा लगाया। बप्पी लहरी का असली नाम अलोकेश लहरी था। उनका जन्म 27 नवंबर 1952 में कोलकाता में हुआ था। 3 साल की उम्र से ही बप्पी दा ने तबला बजाना सीखना शुरू कर दिया था। बप्पी लहरी के पिता अपरेश लहरी एक बंगाली गायक थे और उनकी मां बांसुरी लहरी संगीतकार थीं। बप्पी दा ने अपने माता पिता से ही संगीत सीखा। किशोर कुमार बप्पी लहरी के रिश्तेदार थे। किशोर कुमार को ही उन्हें संगीत सिखाने के साथ ही बॉलीवुड में पैर जमाने में मदद की थी।
जब वो 19 साल के थे, तब कोलकाता से मुंबई आ गए। बप्पी लहरी को पहला ब्रेक एक बंगाली फिल्म दादु में मिला, जिसमें उन्होंने संगीत दिया। इसके बाद 1973 में उन्हें हिंदी फिल्म नन्हा शिकारी में गाना गाने का मौका मिला। हालांकि बप्पी दा को पहचान 1975 में आई जख्मी फिल्म से मिली। इस फिल्म में बप्पी लहरी ने मोहम्मद रफी और किशोर कुमार जैसे Legend गायकों के साथ गाना गाया। इसके बाद तो बप्पी दा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। बप्पी दा ने एक से बढ़कर एक ऐसे गाने गाए, जो लोगों की जुबान पर चढ़ने लगे।
बॉलीवुड की डिस्को गाने से कराई पहचान
बप्पी लहरी और 80 के दशक तक छाए रहे। उन्होंने बॉलीवुड को रॉक और डिस्को से रूबरू कराकर अपनी धुनों पर सबको थिरकाया। बप्पी लहरी ने करीब 600 फिल्मों में म्यूजिक दिया। बप्पी दा के हिट गानों की लिस्ट में ‘तम्मा तम्मा’, ‘यार बिना चैन कहा रे’, ‘आई एम ए डिस्को डांसर’, ‘बंबई से आया मेरा दोस्त’, याद आ रहा है तेरा प्यार’, ‘ऊ ला ला’ जैसे ढेरों गाने शामिल रहे। बप्पी लहरी ने आखिरी सॉन्ग बागी 3 के लिए भंकस गाना गाया था। बप्पी लहरी ने हिंदी, बंगाली फिल्मों के साथ तमिल, कन्नड़, तेलुगू और गुजराती फिल्मों में भी संगीत दिया।
बप्पी लहरी को लोग गोल्डन मैन के नाम से भी बुलाया जाता था, क्योंकि उन्हें सोने का काफी शौक था। बप्पी दा हमेशा ही ढेर सारा सोना पहने हुए नजर आते थे।
बप्पी दा को शराबी फिल्म के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला था। 2012 में बप्पी लहरी के गाए गाने ‘उ लाला उ लाला’ को बेस्ट आइटम सॉन्ग ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया था। साथ ही 2018 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला था। बप्पी दा के नाम एक दिन में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने का भी रिकॉर्ड दर्ज है।
पॉलिटिक्स में भी ली एंट्री
बप्पी लहरी राजनीति में भी कदम रख चुके हैं। उन्होंने 2014 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बप्पी लहरी को हुगली जिले के श्रीरामपुर लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था, हालांकि बप्पी दा को इसमें हार का सामना करना पड़ा था।