बेहतरीन अभिनय के लिए बॉलीवुड एक्ट्रेस आशा पारेख को किया गया दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित
बॉलीवुड में बेहतरीन अभिनय करने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस आशा पारेख (Asha Parekh) को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है और ये अवार्ड उन्हें फिल्मी करियर में उनके उत्कृष्ट योगदान के रूप में दिया गया है.
बेहतरीन फिल्मों के लिए दिया गया ये अवॉर्ड
आशा पारेख (Asha Parekh) ने फिल्मी करियर में बहुत सी बेहतरीन फिल्में की हैं, जिन्होंने बॉलीवुड का नाम ऊंचा किया है. आशा पारेख को हिंदी फिल्मों के इतिहास में सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में से एक हैं और उनका फिल्मी करियर 1960 और 1970 के दशक के बीच चरम पर था. आशा ने अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी और उन्हें फिल्म निर्माता बिमल रॉय ने फिल्म ‘मां ‘(1952) में कास्ट किया था, जब वह सिर्फ 10 साल की थीं.
ऐसे शुरू हुआ था करियर
वहीं कुछ फिल्मों के बाद, एक्ट्रेस ने अपनी पढ़ाई पूरी करें के बाद दोबारा फिल्मो में एंट्री की और लीड एक्ट्रेस के रूप में लौटीं. उनकी पहली फिल्म थी ‘दिल देके देखो’ (1959) थी. वहीं आशा और हुसैन ने एक साथ कई हिट फिल्में दीं – ‘जब प्यार किसी से होता है’ (1961), ‘फिर वही दिल लाया हूं’ (1963), ‘तीसरी मंजिल’ (1966), ‘बहारों के सपने’ (1967), ‘प्यार का मौसम’ (1969), और ‘कारवां’ (1971). राज खोसला की ‘दो बदन’ (1966), ‘चिराग’ (1969) और ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ (1978) और शक्ति सामंत की ‘कटी पतंग’ के साथ उनकी स्क्रीन इमेज में बदलाव आया और उन्हें गंभीर, दुखद भूमिकाओं में उनके प्रदर्शन के लिए जाना गया.
इसी के साथ आशा पारेख ने गुजराती, पंजाबी और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है. वहीं उन्होंने गुजराती धारावाहिक ‘ज्योति’ (1990) का निर्देशन किया और ‘पलाश के फूल’, ‘बाजे पायल’, ‘कोरा कागज’ और ‘दाल में काला’ जैसे शोज का निर्माण भी किया.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
वहीं इस अवार्ड की घोषणा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है उन्होंने घोषणा करते हुए जानकरी दी कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार इस साल प्रसिद्ध अभिनेत्री आशा पारेख को दिया जाएगा. वह सिनेमा की सेवाओं के लिए 1992 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म श्री से सम्मानित भी किया जा चुका है.
भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान
आपको बता दें, दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रतिवर्ष दादा साहब फाल्के (Dadasaheb Phalke) के नाम पर दिया जाता है, जिन्हें ‘भारतीय सिनेमा के पिता’ के रूप में जाना जाता है. पिछले साल इस अवॉर्ड से रजनीकांत को सम्मानित किया गया था और इस साल यह अवॉर्ड आशा पारेख को मिला है. वहीं दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है जो कि अभी तक राज कपूर, यश चोपड़ा, लता मंगेशकर, मृणाल सेन, अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना को दिया गया है. देविका रानी इस आवर्ड को पाने वाली पहली विजेता थीं, जबकि अभिनेता रजनीकांत को हाल ही में इस सम्मान से नवाजा गया था.