कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद देशभर में फिर से कई महीनों के लिए सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया था। हाल ही में जब कोरोना का खतरा कम होते हुए दिखने लगा तो राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में थिएटर्स दोबारा खोले गए। थिएटर खुलने के बाद आज पहली बड़ी फिल्म रिलीज हुई है, वो भी सुपरस्टार अक्षय कुमार की।
महाराष्ट्र में अब तक थिएटर नहीं खोले गए है। वहीं जिन शहरों में खुले, वहां अभी केवल 50 प्रतिशत लोगों की ही इजाजत है। ऐसे समय में मूवी रिलीज करना रिस्की है, लेकिन खिलाड़ी कुमार ने ये जोखिम उठाने का फैसला किया।
हाईजैकिंग की घटनाओं पर बनी है फिल्म
अक्षय कुमार की बेल बॉटम सच्ची कहानी तो नहीं। हां, लेकिन ये सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। अक्षय कुमार अब तक कई एक से बढ़कर एक देशभक्ति से जुड़ी फिल्में ला चुके हैं। ऐसी ही कुछ बेल बॉटम भी है। बेल बॉटम की कहानी आधारित है एक के बाद एक होने वाले कई प्लेन हाईजैकिंग की घटनाओं पर।
ये है बेल बॉटम की कहानी
फिल्म की कहानी तब की है, जब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं। इंदिरा गांधी का रोल लारा दत्ता ने निभाया है, जो बीते दिनों खूब सुर्खियों में भी रहा था। वहीं अंशुल मल्होत्रा (अक्षय कुमार) के साथ एक रॉ एजेंट के किरदार में नजर आ रहे हैं। फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि जब देश में एक के बाद एक कई हाइजैकिंग की घटनाएं हो रही थीं। तब लोगों की जान बचाने के लिए सरकार को आतंकियों के साथ समझौता करना पड़ता था। उन्हें करोड़ों रुपये की मोटी रकम तो देनी पड़ती है, साथ में भारतीय जेल में बंद खूंखार आतंकवादियों को भी छोड़ना पड़ता है। ऐसे ही एक प्लेन हाइजेक में अंशुल मल्होत्रा (अक्षय कुमार) के साथ इतना बड़ा हादसा हो जाता है, जिसने उन्हें रॉ ऐजेंट बनने को प्रेरित करता है।
इसके बाद एक और हाईजैकिंग होती है, जिसमें कई भारतीयों को बंदी बना लिया जाता है। लेकिन इस बार कुछ अलग होता है। सरकार आंतकियों के साथ समझौता करने के बजाए पलटवार करने का प्लान बनता है। जिसका जिम्मा होता है, अंशुल के कंधों पर। इस मिशन के लिए अंशुल को बेल बॉटम का कोडनेम दिया जाता है। अंशुल को इस मिशन में आतंकियों को मात देने के साथ साथ प्लेन में सवार यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने का काम भी करना होता है। अब वो इसे कैसे पूरा करते हैं, ये जानने के लिए तो आपको फिल्म ही देखनी पड़ेगी।
फिल्म की कहानी शुरुआत में थोड़ी धीमी जरूर लगेगी, लेकिन बाद में रफ्तार पकड़ लेगी। स्टोरी कुछ ऐसी है कि ये दर्शकों को अपने साथ बांधे रखने में कामयाब होती है। बेल बॉटम में कुछ दमदार डायलॉग भी है। फिल्म रनजीत तिवारी के डायरेक्शन में बनी है।
किरदारों की एक्टिंग में दम
बात मूवी में किरदारों की एक्टिंग की करें तो वो दमदार है। अक्षय एक बार फिर से अपने रोल में अच्छे लग रहे हैं। एक रॉ एजेंट के किरदार को उन्होंने बढ़िया काम किया। वहीं बात लारा दत्ता की करें, तो वो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बखूबी से निभाने में कामयाब रही। लोग लारा के लुक से लेकर उनकी एक्टिंग को काफी पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा फिल्म में वाणी कपूर और हुमा कुरैशी भी है। वाणी फिल्म में अंशुल यानी अक्षय की पत्नी के रोल में नजर आ रही हैं। इसके अलावा हुमा भी कुछ सीन्स में देखने को मिलती है। इन दोनों एक्ट्रेस का रोल फिल्म में छोटा है।
मिस नहीं करनी चाहिए ये फिल्म
कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि फिल्म बढ़िया है। बेल बॉटम एक्टिंग, एक्शन, कहानी और सिनेमैटोग्राफी का बढ़िया पैकेज है। थिएटर में लंबे समय के बाद किसी सुपरस्टार की फिल्म रिलीज हुई है। ऐसे में जो लोगों को काफी वक्त से थिएटर में जाकर अच्छी फिल्म देखने का इंतेजार कर रहे थे, उन्हें बेल बॉटम मिस नहीं करनी चाहिए।