बॉलीवुड में कई एक्टर हैं जो अपनी एक्टिंग के जाने जाते हैं पर आमिर खान वो एक्टर है जिन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट का टाइटल मिला हुआ. आमिर खान फिल्म बेहतरीन एक्टिंग और हर सीन को बेहतर से बेहतर करने की कोशिश करते हैं ताकि कोई कमी न नजर आये है, इसी वजह से मिस्टर परफेक्शनिस्ट की ज्यादातर फिल्म हिट साबित होती है लेकिन आमिर खान से बड़ा मिस्टर परफेक्शनिस्ट एक और एक्टर है जिन्होंने एक सीन को बेहतर बनाने के लिए 7 घंटे प्रैक्टिस की और परफेक्शन ऐसा कि 104 रीटेक देने के बाद सीन को पूरा किया.
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इस तरह शुरू किया अपना करीयर
फिल्म में हर को सीन को परफेक्ट देखने वाले बॉलीवुड के जिस एक्टर की हम बात कर रहे हैं उस एक्टर का नाम गुरु दत्त है. गुरु दत्त को फिल्मी दुनिया की जानी मानी हस्ती टैलेंटे का महाविद्यालय कहती है क्योंकि उन्होंने जहाँ कोरियोग्राफर के काम के दौरान अपनी फ़िल्मी की शुरुआत की तो वहीँ उन्होंने एक्टिंग भी और साथ ही डायरेक्शन भी किया. साल 1946 में फिल्म ‘हम एक हैं’ से गुरुदत्त ने बतौर कोरियोग्राफर इंडस्ट्री में कदम रखा. वहीं इसके बाद उन्होने फिल्म में एक्टिंग करना शुरू किया और साल 1951 में उन्होंने देवानंद की फिल्म ‘बाजी’ में भी काम किया. यहाँ से एक्टिंग करके उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और नाम कमाया.
इस फिल्म के सीन को परफेक्ट बनाने के लिए 104 रीटेक
इसी बीच एक्टर गुरुदत्त की फिल्म ‘प्यासा’ आई और इस फिल्म के एक सीन को परफेक्ट बनाने के लिए उन्होंने 104 रीटेक दिए थे और इस बात का खुलासा सिनेमैटोग्रफर वीके मूर्ती ने अपने एक इंटरव्यू में किया. सिनेमैटोग्रफर वीके मूर्ती ने बताया कि फिल्म प्यासा के एक सीन को परफेक्ट बनाने के लिए जूनियर आर्टिस्ट के साथ कुछ सीन्स शूट किए जाने थे. लेकिन वो सीन ठीक ढंग से शूट नहीं हो पा रहे थे. इस एक सीन के लिए उन्होंने शाम के पांच बजे से रात 12 बड़े तक शूटिंग की थी. खुद इस छोटे से सीन के लिए उन्होंने 104 रीटेक्स दिए थे. इसके बाद अगले दिन फिर से इसी सीन से शूट शुरू हुआ और गुरु दत्त ने पहले ही टेक में वो सीन ओके कर दिया और इस उनकी ये फिल्म कल्ट क्लासिक साबित हुई. जो आने वाले कई सालों तक खूब पसंद की गयी.
एक्टिंग के बाद कई फ़िल्में के बने डायरेक्टर
गुरुदत्त ने अपने करियर में ‘साहिब बीवी और गुलाम’, ‘प्यासा’ और ‘कागज के फूल’ जैसी कई ऐसी दमदार फिल्में की थी जिन्हें टेक्स्ट बुक का दर्जा मिला है. वह एक्टर होने के साथ-साथ बतौर डायरेक्टर भी अपने काम को लेकर काफी मशहूर थे. साल 1951 में बतौर डायरेक्टर अपने करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म में देवानंद और गीता दत्त लीड रोल में नजर आई थीं. उनके डायरेक्शन में बनी ये पहली ही फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई थी. इसके बाद गुरु दत्त ने कई सारी क्लासिकल फिल्में बनाई और ये फिल्म को भी बड़े परदे पर बड़ा अच्छा रिस्पांस मिला.
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