Facts About Muqaddar Ka Sikandar: अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की आइकॉनिक फिल्म ‘मुकद्दर का सिकंदर’ (Muqaddar Ka Sikandar) की रिलीज को 48 साल पूरे हो चुके हैं। 27 अक्टूबर 1978 को रिलीज हुई यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई थी। डायरेक्टर प्रकाश मेहरा की इस मल्टीस्टारर फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ विनोद खन्ना (Vinod Khanna), रेखा (Rekha) और राकेश रोशन जैसे सितारे मुख्य भूमिकाओं में थे। फिल्म ने 1978 में इतिहास रच दिया और दिवाली ब्लॉकबस्टर के रूप में अपनी पहचान बनाई।
‘मुकद्दर का सिकंदर’ न सिर्फ 70 के दशक की यादगार फिल्म थी, बल्कि यह अमिताभ बच्चन के करियर का भी अहम अध्याय साबित हुई। यह फिल्म आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में खास जगह रखती है। कहानी, अभिनय और संगीत की वजह से यह ब्लॉकबस्टर फिल्म सिनेमा इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। आइए आपको बताते हैं फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से:
अमिताभ-रेखा की जोड़ी का जादू– Muqaddar Ka Sikandar facts
70 के दशक में अमिताभ बच्चन का सितारा बुलंदियों पर था। हालांकि, पर्दे पर उनकी कई एक्ट्रेसेस के साथ जोड़ी हिट रही, लेकिन रेखा के साथ उनकी केमिस्ट्री को दर्शक खासतौर पर पसंद करते थे। ‘मुकद्दर का सिकंदर’ में भी उनकी और रेखा की जोड़ी ने खूब सुर्खियां बटोरीं। फिल्म का एक लव मेकिंग सीन खासा चर्चित रहा, लेकिन इसने जया बच्चन (Jaya Bachchan) के दिल को गहरी चोट पहुंचाई थी।
जया की आंखों में आए आंसू
रेखा ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि फिल्म के ट्रायल शो के दौरान जया बच्चन, अमिताभ के माता-पिता के साथ फिल्म देखने आई थीं। जब स्क्रीन पर अमिताभ और रेखा का लव सीन आया, तो जया की आंखों में आंसू थे। यह दृश्य रेखा ने प्रोडक्शन रूम से देखा था। इसके बाद बॉलीवुड में चर्चाएं शुरू हो गईं कि अमिताभ ने रेखा के साथ काम न करने का फैसला कर लिया है। हालांकि, तीनों कलाकार आखिरी बार फिल्म ‘सिलसिला’ में साथ नजर आए थे।
विनोद खन्ना के साथ हुआ हादसा
फिल्म से जुड़ा एक और दिलचस्प किस्सा खुद अमिताभ बच्चन ने शेयर किया था। एक सीन में उन्हें विनोद खन्ना की तरफ गिलास फेंकना था और विनोद को नीचे झुकना था। लेकिन शूटिंग के दौरान जब प्रकाश मेहरा ने इशारा किया तो विनोद खन्ना समय रहते नीचे नहीं झुक पाए। गिलास सीधा उनकी ठोड़ी पर लगा और उनका चेहरा लहूलुहान हो गया। इस घटना से अमिताभ बच्चन बेहद दुखी हुए और उन्होंने विनोद खन्ना से कई बार माफ़ी भी मांगी।
1978 की सबसे बड़ी हिट
‘मुकद्दर का सिकंदर’ उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। यह न केवल दिवाली ब्लॉकबस्टर थी, बल्कि 70 के दशक की तीसरी सबसे बड़ी कमाई करने वाली फिल्म भी रही। इससे पहले ‘शोले’ और ‘बॉबी’ ने यह रिकॉर्ड बनाया था। फिल्म ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता हासिल की। सोवियत संघ में इसे जबरदस्त लोकप्रियता मिली।
नौ कैटेगरीज में हुई नामांकित
26वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में इसे नौ कैटेगरीज में नामांकित किया गया, जिसमें बेस्ट मूवी भी शामिल थी। हालांकि, यह फिल्म किसी भी कैटेगरी में अवॉर्ड जीतने में नाकाम रही। बावजूद इसके, फिल्म की सफलता और दर्शकों का प्यार इसे एक क्लासिक का दर्जा दिलाने में कामयाब रहा।
फिल्म का रीमेक भी बना
‘मुकद्दर का सिकंदर’ की लोकप्रियता इतनी थी कि इसे अन्य भाषाओं में भी बनाया गया। 1980 में इसका तेलुगु रीमेक ‘प्रेमा तरंगलु’ और 1981 में तमिल रीमेक ‘अमारा कावियाम’ रिलीज हुए।
अमिताभ और विनोद खन्ना की आखिरी फिल्म
यह फिल्म अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना की जोड़ी की आखिरी फिल्म थी। दोनों कलाकारों की केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आई, लेकिन इसके बाद वे कभी किसी फिल्म में साथ नजर नहीं आए।