अगर फिल्म दीवार न आती तो क्या होता…अमिताभ बच्चन का क्या होता? अक्सर सिनेमा के जानकारों की टिप्पणी इस पर देखने को मिलती है. फिल्म दीवार ने अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड में वैसी पहचान दिला गई, जिसके बारे में उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था. लेकिन फिल्म दीवार से पहले अमिताभ बच्चन की जिंदगी आसान नहीं थी. सिनेमा जगत में उनकी कोई पूछ नहीं थी. यह भी कह सकते हैं कि कोई उन्हें जानता तक नहीं था. आज के लेख में हम आपको बॉलीवुड के उस किस्से के बारे में बताएंगे, जब अमिताभ बच्चन की दीवानी एक डायरेक्टर की पत्नी ने अमिताभ को काम दिलाने के लिए जमीन आसमान एक कर दिए थे.
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यहां जानिए पूरी कहानी
दरअसल, 1942 में इलाहाबाद में जन्में अमिताभ बच्चन अपनी पढ़ाई पूरी करके मुंबई आए तो उस दौर में राजेश खन्ना से बड़ा कोई स्टार नहीं था. सभी डायरेक्टर्स को अपनी फिल्मों में राजेश खन्ना ही चाहिए थे. वहीं, दूसरी ओर अमिताभ बच्चन दर दर की ठोकरे खा रहे थे. कई जगहों पर उनकी लंबाई का मजाक बनाकर निकाल दिया जाता, तो कई जगहों पर उन्हें एक्टर मैटेरियल न बताकर मना कर दिया जाता. हालांकि, अमिताभ बच्चन ने भी हार नहीं मानी. उसी दौर में निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास एक फिल्म बनाने की तैयारी में लगे थे, नाम था 7 हिंदुस्तानी.
इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन ने ऑडिशन दिए और उन्हें काम मिल गया. चूंकि ये एक मल्टी स्टारर फिल्म थी और स्क्रिप्ट में भी बहुत अधिक दम नहीं था. ऐसे में यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पिट गई और इस तरह अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म फ्लॉप रही. पहली फिल्म फ्लॉप होने के बाद अब अमिताभ को काम मिलने में भी दिक्कत होने लगी. उसी दौरान निर्देशक बासु भट्टाचार्य अपनी फिल्म अनुभवी के लिए कास्टिंग की तलाश कर रहे थे.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस फिल्म में संजीव कुमार के किरदार के लिए पहले एक्टर प्राण को कास्ट किया गया था लेकिन बाद में उन्हें फिल्म से यह कहते हुए बाहर कर दिया गया कि उनका फेस किरदार के लुक से मैच नहीं खाता. उसके बाद संजीव कुमार को उस किरदार के लिए चुना गया था. वहीं, अमिताभ बच्चन ने भी इस फिल्म के लिए ऑडिशन दिया था और उन्हें इस फिल्म में दूसरे मुख्य अभिनेता के रोल के लिए सिलेक्ट कर लिया गया. लेकिन जल्द ही उनकी जगह दिनेश ठाकुर ने अमिताभ को रिप्लेस कर दिया.
डायरेक्टर की पत्नी ने किया था खुलासा
इसे लेकर डायरेक्टर बासु भट्टाचार्य की पत्नी रिंकी रॉय ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे दिनेश ठाकुर को शशिभूषण का रोल मिला और कैसे अमिताभ को फिल्म से बाहर कर दिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दिनेश ठाकुर उन दिनों डायरेक्टर के पड़ोसी थे और उनका डायरेक्टर के घर काफी आना जाना था और यही कारण था कि अमिताभ बच्चन की जगह उन्हें चुन लिया गया.
हालांकि, जब रिंकी रॉय ने अमिताभ को धर्मयुग पत्रिका के संपादक डॉ. धर्मवीर भारती के घर की छत पर हरिवंश राय बच्चन की कविताएँ पढ़ते हुए देखा, तो उन्हें अमिताभ की आवाज़ काफी पसंद आई. जिसके बाद उन्होंने अपने पति से कहा कि इस लड़के की आवाज बहुत मधुर है, यह सेकेंड लीड एक्टर के रोल में फिट बैठेगा. रिंकी ने बहुत कोशिश की कि अमिताभ बच्चन को फिल्म में रोल मिल जाए लेकिन इस फिल्म के लिए दिनेश ठाकुर को पहले ही साइन कर लिया गया था इसलिए अमिताभ को इस फिल्म में रोल नहीं मिला.
जंजीर ने किस्मत बदल कर रख दी
हालांकि, कई रिजेक्शन झेलने और फ्लॉप फिल्में देने के बाद साल 1973 में अमिताभ बच्चन की झोली में जंजीर फिल्म आ गिरी और यह फिल्म उनके करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस फिल्म के जरिए अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड में जोरदार दस्तक दी थी. अमिताभ हर ओर छाए हुए थे. इसी फिल्म ने उन्हें हिंदी सिनेमा का एंग्री यंग मैन भी बना दिया. उसके बाद फिर अमिताभ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज अमिताभ कहां और किस मुकाम पर खड़ें हैं, यह बताने की आवश्यकता नहीं है.
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