टोल प्लाजा पर अक्सर ही लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टोल प्लाजा पर जाम की समस्या भी आम है। यहां वाहनों की लंबी कतारें लगाती रहती हैं। हालांकि जो लोग टोल प्लाजा पर जाम की वजह से परेशान रहते हैं, उनके लिए एक अच्छी खबर आई है। सरकार ने टोल प्लाजा पर जाम की समस्या से निजात पाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया, जिसके मुताबिक अगर टोल प्लाजा पर वाहनों की 100 मीटर लंबी लाइन लगेगी, तो उनसे टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा।
टोल प्लाजा पर 100 मीटर की दूरी पर एक पीली पट्टी का चिन्ह लगाया जाएगा। प्लाजा पर जब तक वाहनों की लाइन इस पीली पट्टी तक होगी, तब तक सभी वाहन बिना टोल टैक्स के ही टोल बैरियर को पार कर सकेंगे।
बता दें कि सरकार ने टोल प्लाजा की हर टोल लेन पर 10 सेकेंड में टैक्स वसूलने के लिए नए दिशा-निर्देश तय किए। 24 मई को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के महाप्रबंधक संजय कुमार ने टोल प्लाजा प्रबंधन नीति दिशा निर्देश 2021 जारी किए हैं।
इसके बारे में NHAI के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि सारे 570 टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन सिस्टम (ETC) को लगा चुके हैं। सभी टोल लेन पर फास्टैग की मदद से ऑनलाइन टैक्स लिया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी जाम की समस्या खत्म नहीं हो रही। टोल प्लाजा पर लगातार वाहनों की लंबी लाइनें लगने की शिकायतें आ रही हैं। जिसकी वजह से सरकार ने सभी टोल प्लाजा निर्माणाधीन और प्रस्तावित पर नए नियमों को लागू करने का फैसला लिया। इसके दूसरे चरण में मौजूदा टोल प्लाजा की टोल लेन में बदलाव के बाद इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
आगे उन्होंने बताया कि सरकार ने टोल प्लाजा पर 10 सेकेंड के अंदर टैक्स लेने के लिए नए मानक कय किए। जिसका मतलब ये है कि नए डिजाइन के जो टोल प्लाजा होंगे, उसकी एक टोल लेन से एक घंटे के अंदर 400 वाहन के निकलने की क्षमता होगी। हालांकि इसके लिए ज्यादा भूमि अधिग्रहण करने की आवश्यकता होगी। टोल प्लाजा पर वाहनों के दबाव के मुताबिक ही टोल लेन 6 से 12 लेन तक हो सकते है। प्लाजा की जो आखिरी लेन होगी, वो दो पहिया वाहनों के लिए होगीं। इसके साथ ही प्लाजा के पास पार्किंग और ओवर लोड ट्रकों को खड़ा करने की अतिरिक्त जगह भी होनी चाहिए।
गौरतलब है कि सरकार ने ये जो फैसला लिया है, इससे लोगों की परेशानी कम होने और जाम की समस्या भी खत्म होने के आसार है। इससे वाहनों की औसत रफ्तार 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इसके अलावा ऐसा करने से वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। आपको जानकारी के लिए ये बता दें कि फास्टैग की तकनीक के चलते सरकार के राजस्व में इजाफा हुआ है। इससे सरकार का सालाना 10,300 करोड़ राजस्व बढ़ा, जो पहले ठेकेदारों की जेब में जाया करता था।