वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर दुनियाभर पर पड़ रहा है. ना सिर्फ ये महामारी लोगों की जान ले रही बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन लागू किया गया. लॉकडाउन की वजह से सभी कामकाज ठप पड़ गया और इस दौरान कई कम्पनियों को बहुत नुकसान हो रहा है. ऐसे में कुछ कम्पनियों ने लोगों की छंटनी करने शुरु कर दी है.
ऑनलाइन कैब सर्विस देने वाली कम्पनी Uber ने भी अपने यहां से बड़ी संख्या में लोगों की छंटनी की है. कम्पनी ने 3500 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. लेकिन जिस तरह उबर ने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है उसकी सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है.
दरअसल, उबर ने सिर्फ तीन मिनट की जूम (Zoom) के जरिए की गई एक वीडियो कॉल पर 3500 कर्मचारियों को निकाल दिया. उबर ने कर्मचारियों को वीडियो कॉल पर कहा कि कोरोना वायरस बहुत बड़ी चुनौती बन गया है. व्यापार में बहुत मंडी है और कम्पनी के पास कई कर्मचारियों के लिए काम नहीं है.
वीडियो कॉल पर उबर ने कर्मचारियों से कहा कि हमने 3500 फ्रंटलाइन कर्मचारियों को निकालने का फैसला लिया है. आपका काम काफी प्रभावित हुआ है और आज आपका उबर के साथ काम करने का आखिरी दिन है. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग उबर के इस कदम की जमकर निंदा कर रहे है. लोगों का कहना है कि कम्पनी को कर्मचारियों को निकालने से पहले एक नोटिस देना चाहिए था. इस तरह अचानक कॉल करके 3500 कर्मचारियों की नौकरी छीनना सही नहीं है.
उबर कस्टमर सर्विस के प्रमुख रॉफिन शेवलॉ ने वीडियो कॉल के जरिए कर्मचारियों को नौकरी से निकाला. हालांकि इस दौरान शेवले ने कर्मचारियों का उबर के साथ जुड़े रहने और योगदान देने के लिए धन्यवाद कहा. उबर ने कहा कि उनकी कैब सर्विस का बिजनेस आधे के करीब हो गया है.
हालांकि अचानक निकाले गए इन कर्मचारियों को कम्पनी ने कुछ पैसे दिए है. जानकारी के मुताबिक उबर को इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2.9 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. कम्पनी ने अपनी बाइक और स्कूटर का कारोबार भी बंद कर दिया है.