आज हम जानेंगे मोहाली शहर के बारे में जिसको कि साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर के तौर पर लोग जानते हैं। इसको जानने के लिए काफी कुछ है और अगर आपको सिखों के तीर्थ स्थल पर जाने का शौक है तो इस शहर में आपको काफी कुछ मिलेगा तो चलिए मोहाली शहर के बारे में बताने जा रहे हैं…
वैसे तो मोहाली एक business center है जिसका एक नाम साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर भी है। ये नाम गुरु गोबिंद साहिब जी के सबसे बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह जी के नाम पर रखा गया है। इस शहर में क्रिकेट स्टेडियम देखने को मिलेगा। हॉकी स्टेडियम, गोल्फ कोर्स भी यहां पर है और कई और खेल के लिए यहां पर आपको पूरी व्यवस्था मिलेगी।
मोहाली घूमने की अगर आप प्लेनिंग कर रहे हैं तो इसके लिए अक्टूबर से नवंबर तक का जो समय है उसको चुन सकते हैं। यहां के लिए इन महीनों में मौसम एकदम खुशनुमा रहता है। साल 1966 में मोहाली शहर अस्तित्व में आया।
अब मोहाली में घूमने वाली जगहों के बारे में जान लेते हैं…
यहां पर है गुरुद्वारा अम्ब साहिब- मोहाली में सबसे अच्छी जगहों में गुरुद्वारा अम्ब साहिब शुमार है। इस गुरुद्वारे का आध्यात्मिक महत्व है और ये इतना फेमस है कि इस गुरुद्वारे में सालभर तक लोग पहुंचते रहते हैं। कहते हैं कि 5वें गुरु अर्जन देव जी का आशीर्वाद लेने के लिए काबुल के भाई कुरम जी ने अमृतसर की यात्रा की थी। जब सभी गुरु जी को तोहफे दे रहे थे तो वहीं खाली हाथ भाई कुरम भी खड़े थे।
इस बात से वो शर्मिंदा थे तो ऐसे में उन्होंने प्रसाद के रूप में पाए अम्ब यानी आम को बचाकर रख लिया और अगली सुबह गुरु जी को भेंट के तौर पर दे दिया। गुरु अर्जन देव जी ने भाई कुरम को अपना प्रसाद खाने को कहा और वादा किया कि भाई कुरम की दी गई। भेंट एक दिन कबूल की जाएगी। फिर जब 7वें सिख गुरु, गुरु हर राय जी हुए तो उन्होंने अपने दादा और 5वें गुरु गुरु अर्जन देव जी के किए वादे को पूरा करते हुए गुरुद्वारे का दौरा कर अपने पराक्रम से उस जगह पर अंबों से भरा एक पेड़ लगाया और उस वक्त से लेकर आज तक इस जगह को गुरुद्वारा अम्ब साहिब के तौर पर जाना जाता है।
मोहाली आए और मोहाली क्रिकेट स्टेडियम नहीं देखा तो क्या देखा। मोहाली क्रिकेट स्टेडियम भी आप देखने जा सकते हैं जो कि देश के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम्स में गिना जाता है। इसे वैसे पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम के तौर पर भी लोग जानते हैं। साल 1993 में इसे बनाया गया जहां पर इंटरनेशनल लेवल की सुविधाएं हैं। जहां 45,000 दर्शक बैठ सकते हैं।
मोहाली में अगर आप गए हैं तो फतेह बुर्ज एक युद्ध स्थल पर खड़ी एक मीनार है जिसका 2011 में उद्घाटन किया गया था। सिख योद्धा बंदा सिंह बहादुर की मुगलों पर जीत के जश्न के तौर पर इसे बनाया गया। 100 मीटर की ऊंचाई वाला ये फतेह बुर्ज पूरे देश में सबसे लंबा विजय स्मारक है। तालाब और टीले इस टॉवर के चारों ओर दिखाई देते हैं। फतेह बुर्ज सिखों की वीरता को दिखाता है।
थंडर जोन मनोरंजन और वाटरपार्क – अगर आप लाइफ में कुछ थ्रिल लाना चाहते या फिर कुछ बहुत तूफानी करना चाहते हैं तो थंडर ज़ोन एम्यूज़मेंट और वाटर पार्क आपके लिए बेस्ट ऑप्शन होगा। करीब करीब 11 एकड़ एरिया में ये पार्क फैला हुआ है और इसमें स्ट्राइकिंग कार, झूलती कुर्सियां जैसी एक्टिविटीज करने को मिलेगा आपको। इसके अलावा संगीत बॉब जैसी एक्टिविटी भी यहां होती हैं।
नाभा साहिब जहां पहुंचकर आप सिख धर्म की एक अलग ही भव्यता को महसूस कर पाएंगे। ये गुरुद्वारा मोहाली जिले में पटियाला-ज़ीरकपुर राजमार्ग पर ही पड़ता है। माना ये जाता है कि गुरु तेग बहादुर जी जब नहीं रहे तो भाई जैता ने आनंदपुर साहिब में उनके अंतिम संस्कार स्थल से उनके शव को उठाया था। मुस्लिम संत और गुरु साहिब के शिष्य फ़कीर दरगाही शाह के कहने पर इस गुरुद्वारा के स्थल पर उन्होंने अवशेष रखे। गुरुद्वारा के पास ही मुस्लिम फ़कीर की मजार है। 1688 में भानगनी की लड़ाई के बाद अपने पिता, गुरु तेग बहादुर जी को गुरु गोबिंद सिंह जी ने श्रद्धांजलि देने के लिए नाभा साहिब का दौरा किया।
छतबीर चिड़ियाघर…एनिमल लवर्स के लिए छतबीर चिड़ियाघर बेस्ट टूर के लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। यहां करीब करीब 800 स्थानीय और विदेशी प्रजातियों वाले जानवर देखने को मिल जाएंगे। यहां अफ्रीकी प्रजातियों में से हिप्पोस, ज़ेब्रा, चिंपांज़ी और शक्तिशाली भैंस आपको देखने को मिल जाएंगे। चिड़ियाघर में एशियाई शेर और बंगाल टाइगर्स भी काफी ज्यादा देखने को मिल जाएंगे। बर्डवॉचिंग सेशन भी होता हैं अलग अलग जलपक्षी, मोर, गीज़, क्रेन, रंगीन तोते असके अलावा तोते और कई और बर्ड आपको देखने को मिल जाएंगे। यहां आप पैदल ही चिड़ियाघर घूम सकते हैं या फिर थकना नहीं है तो बैटरी वाली मिनी-जीप से भी आप पूरा चीड़ियाघर घूम सकते हैं। यहां घूमने के लिए आप रेंट पर साइकिल भी ले सकते हैं।