सतलज नदी के पुराने तट पर एक शहर स्थित है जिसका नाम है लुधियाना, जो कि भारत के पंजाब में एक बेहद खूबसूरत और हिस्टोरिकल शहर है। ऐतिहासिक तौर पर देखें तो इस शहर को सिंकदर लोदी के नियुक्त किए गए दो प्रमुखों ने स्थापित किया। लोदी राजवंश के नाम पर किले का नाम ही रखा गया था। लोदी राजवंश के पतन के बाद ये शहर मुगलों के अंडर आ गया और फिर ब्रिटिश शासन के तहत ये शहर आ गया। ये शहर इस वजह से भी अहम है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वक्त इस शहर के लोगों की अहम भूमिका रही थी।
क्या आप जानते हैं कि सुखदेव का घर भी लुधियाना में ही था, जो कि भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे और जिन्हें भगत सिंह और राजगुरु के साथ अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी। धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन के हिसाब से ये शहर काफी मायने रखता है। यहां कई खास जगहें हैं जहां घूमा जा सकता है।
लोधी फोर्ट
लोधी फोर्ट को 500 साल पहले बनवाया गया था मुस्लिम शासक सिकंदर लोदी के द्वारा, जो कि सतलज नदी के तट पर स्थित है। लोदी राजवंश के बाद 1809 में ये किला अंग्रेजों के अधीन हो गया जो सिकंदर लोदी का शाही निवास स्थान हुआ करता था। ये किला लोधी के सैन्य शक्ति को बेहतरीन तरीके से दिखाता है, लेकिन फिर जब लोधी वंश का पतन हुआ तो उसके बाद से ही किला धीरे धीरे खंडहर में बदल गया। आज भी किले के अवशेष अपनी भव्यता का प्रमाण देती है। भारतीय इतिहास के कई पहलुओं को भी ये किला दिखाता रहा है।
गुरुद्वारा चरण कमल
लुधियाना के सबसे पुराने और खूबसूरत गुरुद्वारा में से एक है गुरुद्वारा चरण कमल। कहते हैं कि यहां मौजूद तालाब के दिव्य जल को गुरू गोबिंद सिंह जी ने स्पर्श किया था और फिर वहीं सो गए। ये गुरुद्वारा सिख वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण है।
फिल्लौर फोर्ट
ऐतिहासिक स्थलों में फिल्लौर फोर्ट जरूर जाएं। लुधियाना शहर के पास ही फिलौर में एक सराय बनवाया गया। तब शेर शाह सूरी का शासनकाल था। फिर शाहजहां के शासनकाल के वक्त एक सैन्य किले साथ ही एक डाकघर में इस सराय को तब्दील कर दिया गया। अब ये किला एक पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के साथ ही फिंगर प्रिंट ब्यूरो के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है।
महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय
महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय जाकर हिस्टोरिकल नॉलेज ली जा सकती है। ये संग्रहालय जीटी रोड पर है जिसका नाम महाराजा रणजीत सिंह के नाम पर रखा गया। संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर सिंहासन पर बैठे राजा रंजीत सिंह की मूर्ति को देखी जा सकती है। इस म्यूजियम में 12 गैलरी हैं जो भारतीय इतिहास और आजादी के बाद के इतिहास को दिखाती है।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय संग्रहालय
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय संग्रहालय को अजायबघर के तौर पर भी जाना जाता है। 18वीं और 19वीं शताब्दी के लुधियाना को जानने के लिए ये संग्रहालय घूमना सही है। ये संग्रहालय किसान मेले के लिए भी फेमस है जो सालाना आयोजित किया जाता है। जहां शामिल होने लोग दूर-दूर से आया करता है। 18 वीं और 19वीं शताब्दी से अलग अलग ग्रामीण-कृषि उपकरण इसके अलावा वस्तुएं और कई कलाकृतियों को ये संग्रहालय दिखाता है।