Slowest Train In India in Hindi: आज की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में हर शख्स ट्रेवेलिंग के दौरान चाहता है कि उसका ट्रेवल टाइम कम हो वो जल्दी जल्दी अपने डेस्टिनेशन पर पहुंच जाए ताकि ट्रेवेलिंग में समय बर्बाद न हो. क्योंकि ट्रेवेलिंग में सबसे ज्यादा समय बर्बाद होता है. वहीं, इसके लिए यात्री फ्लाइट, कार या सुपरफास्ट और स्पेशल ट्रेनों का सहारा लेता है लेकिन जहाँ भारतीय रेलवे में कुछ ट्रेन ऐसी हैं जिनकी रफ्तार बहुत तेज हैं और वो कुछ ही घंटो में कई किलोमीटर का तक का सफ़र तय करती है तो वहीं भारतीय रेलवे में कुछ ट्रेन ऐसी हैं जिनकी स्पीड साइकिल की स्पीड से भी कम है और ये ट्रेन कई घंटो में कुछ ही किलोमीटर का सफ़र तय करती हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको भारतीय रेलवे की सबसे स्लो ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं.
भारत की सबसे स्लो ट्रेन
जानकारी के अनुसार, साइकिल से भी धीमी गति चलने वाली ट्रेन 46 किमी की दूरी 5 घंटे में तय करती है और ये ट्रेन मेट्टुपालयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन है ये भारत की सबसे धीमी गति से चलने वाली ट्रेन है और यह ट्रेन 10 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से चलती है और कई घंटो में कुछ ही किलोमीटर का सफर तय करती है.
5 घंटे में 46 किलोमीटर की दूरी तय करती है ये ट्रेन
यह ट्रेन भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन से करीब 16 गुना धीमी गति से चलती है. वहीं पहाड़ी वाले क्षेत्र में चलने के कारण इसकी रफ्तार और धीमी हो जाती है और यह 5 घंटे में 46 किलोमीटर की दूरी तय करती है और दार्जिलिंग हिमालयन विस्तार के रूप में ट्रेन को यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया है.
1854 में हुआ था इस ट्रेन का निर्माण – Slowest Train In India in Hindi
इस नीलगिरि माउंटेन रेलवे का निर्माण 1854 में होना था, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र की समस्या के कारण इसे 1891 में शुरू किया गया था और 1908 में पूरा हुआ था. यूनेस्को ने जानकारी दी है कि नई तकनीक के आने से ये ट्रेन 326 मीटर से 2,203 मीटर की उंचाई पर पहुंचती है.
अलग तरह के हैं इस ट्रेन के डिब्बे
यह मेट्टुपालयम रेलवे स्टेशन से ये ट्रेन सुबह 7.10 बजे निकलती है और उटी 12 बजे दोपहर को पहुंचती है. इस ट्रेन के डिब्बे नीले और क्रीम कलर के लकड़ी के बने हुए हैं. इस ट्रेन में फर्स्ट और जनरल क्लास दोनों तरह के डिब्बे मौजूद हैं.