“रेल गाड़ी” ये ज्यादातर यात्रियों के लिए एक आरामदायक सफर करने वाला वाहन होने के साथ ही बेहद सस्ता भी माना जाता है. ऐसे में भारतीय रेलवे भी अपने ग्राहकों को तरह-तरह की सुविधा प्रदान करता रहता है. वहीं, एक बार फिर अपने ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यात्रियों के लिए मनपसंद फिल्म देख और गाने सुनने जैसी सुविधा को जल्द लाने का फैसला लिया है. जिसके चलते जल्द ही राजधानी, शताब्दी और दूरंताे जैसी प्रीमियम ट्रेनाें में सफर करने वाले यात्री अपने मनपसंद फिल्म देख और गाने सुन सकेंगे.
ट्रेनों में ऑन डिमांड कंटेंट की सुविधा को अप्रैल से शुरू किया जाएगा, जोकि बिल्कुल मुफ्त रहेगा. वहीं, इससे भारतीय रेलवे विज्ञापनाें से कमाई भी करेगा. वहीं, दूसरी तरफ रेलवे सर्दी में होने वाले कोहरे में ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या को खत्म करने हेतु अब नए फॉग विजन डिवाइस का ट्रायल कर रहा है. ऐसे में अगर ये ट्रायल सफल रहा तो इस डिवाइस को 20 जनवरी के बाद 25 ट्रेनों के इंजन में लगाया जाएगा.
भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि इसके लिए टेंडर जारी हो चुके हैं और बहुत जल्द कंटेंट प्राेवाइडर भी तय कर दिए जाएंगे. ये ट्रेनाें में हॉट स्पॉट लगाएंगे, जिसके चलते यात्रियों के मोबाइल, आईपैड, लैपटॉप आदि हॉट स्पॉट से कनेक्ट होंगे. इस दौरान यात्रियाें काे एक एप डाउनलाेड करना हाेगा. जिससे वो अपने मनपसंदीदा फिल्म या गाने सुन सकेंगे.
किन ट्रेनों में ये सुविधा, रेलवे कैसे कमाई करेगा?
शुरुआत में भारतीय रेलवे ने इस सुविधा को राजधानी, शताब्दी, दूरंतो, वंदे में उपलब्ध करेगा. इसके बाद इस सुविधा को लंबी दूरी की प्रमुख ट्रेनों में शुरू किया जाएगा. वहीं, इस सुविधा को कम दूरी और पैसेंजर ट्रेनों में नहीं प्रदान किया जाएगा. कंटेंट में कुछ भाग सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का होगा तो कुछ प्रावेट कंपनी के विज्ञापनों का होगा. इनमें सबसे ज्यादा भाग ऑन डिमांड कंटेंट का होगा. इसके बदले कंपनी रेलवे को पैसे भी देगी. इससे यात्रियों और रेलवे दोनों को लाभ होगा.
फॉग विजन डिवाइस के ट्रायल रिजल्ट बेहतरीन
फॉग विजन डिवाइस को लखनऊ की रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने बनाया है. इस डिवाइस से दिल्ली से शुरू होने वाली ट्रेनों के इंजनों पर ट्रायल किया जा रहा है. जिसके चलते रोजाना डिवाइस का डाटा लिया जा रहा है और इसमें अब तक रिजल्ट बहुत अच्छे मिले हैं.
ये डिवाइस क्यों है अच्छी
आपको बता दें कि फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस के जरिए चलती है. इसमें सिर्फ सिग्नल के लोकेशन की जानकारी प्राप्त होती है, लेकिन नई डिवाइस में इंफ्रारेड टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की वजह से ट्रैक आसानी से दिखता है. वहीं, बता दें कि इस डिवाइस को सबसे पहले शताब्दी में लगाया जाएगा, क्योंकि ये कोहरे के चलते सबसे अधिक प्रभावित ट्रेनों में शामिल है.