आज हम एक ऐसी जगह के बारे में बात करेंगे जिसे वहां के शौपिंग मॉल ,नाईट शो, नाईट वाक, दुकानों और सुन्दर फव्वारों की वजह से जाना जाता है…यहां लगभग हर ब्रांड के शोरुम हैं…इसे चंडीगढ़ का दिल भी कहा जाता है..यहां का लाइट शो पूरी दुनिया में फेमस है..एक समय में इसकी गिनती भारत के सबसे भीड़भाड़ वाले शहर के रुप में होती थी लेकिन अब हालात बदल गए हैं और स्थिति पहले जैसी नहीं रही है…जी हां..हम बात कर रहे हैं सेक्टर सतारा की. आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर सेक्टर सतारा को क्यों पसंद किया जाता था और अब यह अपनी रौनक क्यों खोते जा रहा है?
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पैदल यात्रियों का स्वर्ग था सेक्टर सतारा
चंडीगढ एक केंद्रशासित प्रदेश होने के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा, दोनों ही राज्यों की राजधानी है. चंडीगढ़ के सेक्टर 17 को ही सेक्टर सतारा कहा जाता है. सेक्टर सतारा कभी चंडीगढ़ का दिल हुआ करता था…जो लोग भी चंडीगढ़ जाते थे, वह सेक्टर सतारा जरुर जाते थे…इस जगह को पैदल यात्री का स्वर्ग कहा जाता था…यहां लोग नाइट वाक पर आते थे. यहां कई अच्छे ब्रांड के बड़े बड़े शोरुम हैं..इस शेक्टर में काफी पॉपुलर नील थिएटर भी है.. यह सेक्टर शहर के बीच में है,पहले ISBT यही था, अब यहां से लोकल बस चलती है..यहां रात में लाइट शो भी होता है..पहले आये दिन यहां कोई न कोई पंजाबी सिंगर अपना शो जरुर करते थे लेकिन अब स्थिति पहले जैसी नहीं रही.
चंडीगढ़ का दिल कहा जाने वाला सेक्टर सतारा के बारे में लोगो का कहना है कि सेक्टर सतारा अपनी चमक खो रहा है. सेक्टर सतारा में पहले जैसी बात नहीं रही, जो बातें सेक्टर सतारा हो खास बनाती थी. जो बातें उसे चंडीगढ़ के और सेक्टरों से अलग बनती थी वो धीरे- धीरे कम हो रही हैं. सेक्टर सतारा का मेन मार्किट काफी ज्यादा फेमस था, जहां सबसे ज्यादा लोग पहुंचते थे लेकिन अब इस मार्केट में भीड़ का आना कम हो गया है. ऐसा नहीं है कि मार्केट बंद हो गया है लेकिन अब यहां आने वाले लोगों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है.
अपनी चमक खो रहा है सेक्टर सतारा
अगर हम सेक्टर सतारा की चमक फीकी पड़ने के पीछे के कारणों पर गौर करें तो यह जगह शहर के बीचोबीच थी, जहां चंडीगढ़ शहर का बस स्टैंड था, जो अब सेक्टर 43 शिफ्ट हो चुका है. यहां पहले सरकारी दफ्तर थे, जिन्हें अब पंचकूला में शिफ्ट कर दिया है. और बची खुची रौनक कुछ साल पहले वहां 20 एकड़ में खुले मॉल ने खत्म कर दिया. इस मॉल ने अपने अंदर ही एक छत के नीचे सबकुछ समा लिया है…ऐसे में धीरे धीरे सेक्टर सतारा अब अपनी पहचान खोते जा रहा है. एक समय था, जब शनिवार की शाम में यहां पर काफी रौनक होती थी, लेकिन अब तो कुछ त्योहारों पर ही यहां भीड़भाड़ देखने को मिलती है.
लोग तर्क देते हैं कि उस जगह को विकसित करने के लिए मॉल जैसे कई कदम उठाए गए लेकिन वैसे लोगों को हम बता दें कि दुनिया में कई सारी मार्केट ऐसी हैं, जो 100 सालों से भी पुरानी हैं, वो आधुनिकता के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं लेकिन अभी भी उनकी चमक फिकी नहीं पड़ी है. लेकिन सतारा मार्केट ऐसा नहीं कर पाया या यह भी कहा जा सकता है कि सतारा मार्केट को उस हिसाब से ढाला ही नहीं गया.
सेक्टर सतारा की अपनी कोई सोशल साईट नहीं हैं…यहां तक कि खाने पीने की चीजें भी अब हद से ज्यादा महंगी हो गई हैं..पर पर्यटकों को लुभाने या उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सेक्टर सतारा में वैसा कुछ नहीं है…यहां वैसा कुछ नहीं है जो पर्यटकों को दोबारा आने पर मजबूर करे. हालांकि, स्थानीय प्रशासन चाहे तो छोटे छोटे बदलावों के जरिए सेक्टर सतारा की रौनक लौट सकती है.
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