Gurudwaras in Uttarakhand: देवभूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड न सिर्फ हिमालय की खूबसूरती और पवित्र स्थलों के लिए मशहूर है, बल्कि यहां के सिख गुरुद्वारे भी लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ये गुरुद्वारे सिर्फ सिख समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए खास जगह रखते हैं जो शांति और आध्यात्म की तलाश में रहता है। इन गुरुद्वारों में सिख धर्म की परंपराओं के साथ-साथ हिमालय की प्राकृतिक खूबसूरती का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब | चमोली- Gurudwaras in Uttarakhand
हिमालय की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने यहां ध्यान कर दिव्यता प्राप्त की थी। हिमालय के खूबसूरत दृश्यों के बीच स्थित यह गुरुद्वारा न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग के समान है।
यात्रा का समय: मार्च से जून
निकटतम रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश
निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट एयरपोर्ट
गुरु राम राय दरबार साहिब | देहरादून
देहरादून में स्थित गुरु राम राय दरबार साहिब का निर्माण बाबा राम राय जी ने किया था। यह गुरुद्वारा अपने स्थापत्य सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। इसकी दीवारों पर उकेरी गई सुंदर चित्रकारी और नक्काशी सिख परंपराओं और इस्लामी वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण है।
यात्रा का समय: सालभर खुला रहता है
निकटतम रेलवे स्टेशन: देहरादून
निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट एयरपोर्ट
नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा | नानकमत्ता
गुरु नानक देव जी के तपस्या स्थल के रूप में प्रसिद्ध नानकमत्ता साहिब श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था का स्थान है। यहां स्थित बावली साहिब और नानकमत्ता बांध इस गुरुद्वारे की पवित्रता और आकर्षण को और बढ़ाते हैं।
यात्रा का समय: नवंबर से दिसंबर
निकटतम रेलवे स्टेशन: खटीमा
निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर
रीठा साहिब गुरुद्वारा | पिथौरागढ़
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित रीठा साहिब गुरुद्वारा अपनी आध्यात्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान बैसाखी पर्व के दौरान आयोजित भव्य सिख मेले के लिए भी जाना जाता है। प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक ऊर्जा के संगम के रूप में, यह गुरुद्वारा आगंतुकों के लिए अनोखा अनुभव प्रदान करता है।
यात्रा का समय: अक्टूबर से मई
निकटतम रेलवे स्टेशन: तांतपुर
निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट
गुरुद्वारा अलमस्त साहिब | नानकमत्ता
बाबा अलमस्त जी के नाम पर स्थापित यह गुरुद्वारा नानकमत्ता के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां का वातावरण आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
यात्रा का समय: नवंबर से मार्च
निकटतम रेलवे स्टेशन: खटीमा
निकटतम हवाई अड्डा: पंतनगर
गुरुद्वारा हरगोबिंद साहिब | देहरादून
यह गुरुद्वारा सिख इतिहास का हिस्सा है, जहां गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने अपने साथियों के साथ विश्राम किया था। यह स्थान हिमालय के सुंदर दृश्यों और शांति के माहौल के बीच स्थित है।
यात्रा का समय: फरवरी से मार्च
निकटतम रेलवे स्टेशन: देहरादून
गुरुद्वारा गुरु का बाग साहिब | किच्छा
गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह जी की मुलाकात की स्मृति में बना यह गुरुद्वारा ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसकी शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक ऊर्जा यहां आने वाले हर व्यक्ति को प्रभावित करती है।
यात्रा का समय: मार्च से अप्रैल
गुरुद्वारा संत नगर बाउली साहिब | हरिद्वार
गुरु नानक देव जी ने इस स्थान पर ध्यान किया था, और यहां की बावली को अमृत के रूप में माना जाता है। हरिद्वार के इस गुरुद्वारे में आध्यात्मिकता का अनुभव करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
यात्रा का समय: अक्टूबर से मार्च
उत्तराखंड के गुरुद्वारे सिख धर्म की महानता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। हिमालय की गोद में बसे ये धार्मिक स्थल न केवल श्रद्धालुओं को आस्था और शांति का अनुभव कराते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी जीवंत बनाए रखते हैं। ये गुरुद्वारे एक बार जरूर देखने लायक हैं, जहां आध्यात्मिकता और प्रकृति का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।