वैसे तो हमारे देश में एक से एक सुंदर शहर है और हर शहर की अपनी कहानी है। जिसे जानने के लिए, एक्सप्लोर करने के लिए टाइम निकलना होगा। आज हम आपको बताएंगे पंजाब के छोटे से शहर पठानकोट के बारे में जो कि रेलवे के प्रमुख स्टेशनों में गिना जाता है। जिसकी हिस्ट्री काफी रिच है और जिसके बारे में जानने के लिए बहुत कुछ है।
अगर आप पंजाब घूमने का मन बना रहे हैं तो पठानकोट जरूर जाए। यहां की खूबसूरती से आपका जी नहीं भरेगा। चलिए आपको वहां के एक एक टूरिस्ट प्लेस के बारे में बताते हैं जहां आप जा सकते हैं।
शाहपुर कुंडी किला
एक समय पठानी राजपूतों की राजधानी के तौर पर पठानकोट को पहचाना जाता था, जहां काफी सारे किले बने हैं। इनमें से एक है शाहपुर कुंडी किला। इस समय गेस्ट हाउस के तौर पर ये किला काम में लाया जाता है, लेकिन एक वक्त था जब इस किले ने रावी नदी के तट पर कई युद्धों की तैयारियों को देखा। तो आप भी इस किले को जरूर घूम आएं।
काठगढ़ मंदिर
काठगढ़ मंदिर का काफी ज्यादा महत्व हैं धर्म के नजरिए से। इस मंदिर को भगवान शिव और देवी पार्वती के लिए समर्पित किया गया है। जहां पर स्थापित लिंग की काफी महत्ता है। कई रहस्य हैं इस शिवलिंग से संबंधित। कहानियों पर गौर करें तो भगवान राम की खोज में निकले भाई भरत ने इसी मंदिर के दर्शन किए। ये मंदिर ब्यास और कोंच नदियों के संगम पर ही बना हुआ है जो कि काठगढ़ मंदिर विरासत और शिल्प कौशल का एक बेजोड़ नमूना है।
नूरपुर किला
क्या इसके बारे में आप जानते हैं? चलिए हम बता देते हैं आपको इस किले के बारे में। तो पठानकोट के फेमस वास्तुशिल्प और हिस्टोरिकल जगहों में सबसे सुंदर किला अगर कोई है तो वो हैं नूरपुर किला। इस किले को पहले तो धमेरी किले के तौर पर जानते थे, लेकिन आज ये किला खंडहर हैं। इस किले को 10वीं शताब्दी में बनाया गया। जिसके बारे में कहा जाता है कि इस किले को अंग्रेजों ने साल 1905 में भूकंप के आने बाद गिरा दिया।
किले के भीतर एक मंदिर भी था जिसको बृज राज स्वामी मंदिर के नाम से पहचाना जाता है और अनमोल मंदिर माना जाता है क्योंकि अपने जैसा ये मंदिर बस एक ही है जहां भगवान कृष्ण और मीराबाई की मूर्तियों स्थापित की गई हैं और पूजा की जाती है। 16वीं सदी में इस मंदिर को बनाया गया हैं। तो यहां तो आप झरूर आए ताकि ऐसे इकलौते मंदिर के दर्शन कर सकें।
मुक्तेश्वर मंदिर
हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित पठानकोट में कई शानदार मंदिर हैं और इस लिस्ट एक नाम है मुक्तेश्वर मंदिर है, जो कि रावी नदी के किनारे हैं जिसका गर्भगृह एक पहाड़ी के ऊपर है जिसमें संगमरमर का शिवलिंग स्थापित है। ये मंदिर शिव को समर्पित है और इसमें पवित्र गुफा मंदिरों का एक पूरा का पूरा जत्था ही है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास में यहां भी रहने आए थे। मंदिर में हिंदु देवता ब्रह्मा, विष्णु, हनुमान, मां पार्वती और गणेश जी समेत हर देवी देवता की मूर्तियों को स्थापित किया गया है।