दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क हमारे भारत का सड़क नेटवर्क ही है, जो सभी प्रमुख और छोटे शहरों के साथ ही कस्बों और गांवों को साथ जोड़ता है। भारतीय सड़क नेटवर्क में एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग के साथ ही और कई मेन डिस्ट्रिक्ट और ग्रामीण सड़कें है। अब जो सवाल है वो ये कि एक्सप्रेस-वे और राजमार्गों के बीच के क्या मेन अंतर है और ये फ्रीवे क्या होता है? आज हम इसके बारे में ही जानेंगे…
राष्ट्रीय राजमार्ग क्या होता है?
राष्ट्रीय राजमार्ग भारत के हर एक प्रमुख शहर को जोड़ती है, चाहे वो बंदरगाह हो या फिर राज्यों की राजधानी। इसमें दो, चार या फिर ज्यादा लेन होते है जिनको चारकोल या फिर कोयला और कुछ सीमेंट कंक्रीट से बनाया जाता है। भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रेड सड़कों पर है और ये पैदल और साइकिल चालकों के लिए घातक होते हैं क्योंकि राजमार्गों पर गति कई बार बेकाबू होती है। देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने में राष्ट्रीय राजमार्ग की अहम भूमिका रही है क्योंकि कई शहरों के साथ राजमार्गों के जरिए ही व्यापार होता है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंडर ये नेटवर्क जिसको बनाने का काम और प्रबंधन (NHAI यानि कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण), (NHIDCL यानि राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम) और राज्य सरकारों के लोक निर्माण विभाग यानि (PWDs) करता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, 1988 ने NH को स्थापित किया जोकि राजमार्ग विकास, रखरखाव के साथ ही टोल जुटाने के लिए निजी के साथ ही सोशल साझेदारी मॉडल को यूज में लाता है।
अब जानते हैं एक्सप्रेस-वे के बारे में…
भारत में एक्सप्रेस-वे में हाई क्लास की सड़कें होती हैं जो कि नियंत्रित एक्सेस रोड नेटवर्क वाले छह से आठ लेन के राजमार्ग होते हैं। बेसिकली एक्सप्रेस-वे लेटेस्ट फेसेलिटीज जैसे कि एक्सेस रैंप, ग्रेड सेपरेशन, लेन डिवाइडर के साथ एलिवेटेड सेक्शन से लैस होते है। इनमें एंट्री और एग्जिट को छोटी सड़कों के इस्तेमाल से काबू में किया जाता है। कई स्मार्ट और इंटेलिजेंट फीचर्स से भी एक्सप्रेस-वे को लैस किया जाता है जिसमें एक हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम यानी कि HTMS के साथ ही वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम यानि कि VIDS को भी शामिल किया होता है। प्रधिकरण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंडर राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे आता है जो इनको बनाने और इनके रखरखाव का भी ध्यान रखते हैं।
एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों के डिफरेंस जान लेते हैं
एक्सप्रेसवे में, सड़कें multiplexed नहीं होती हैं यानी कि जहां गाड़ियां एक लिमिटेड प्लेस से एंट्री कर सकती है और आगे या दूसरी सड़क मिलता या कहीं भी एक्सप्रेसवे को पार नहीं करता। एक्सप्रेसवे तक पहुंचने के रास्ते लिमिटेड होते है। इसके लिए कुछ जगहें तय होती हैं। इससे कोई दूसरी सड़क नहीं जुड़ती और न तो इससे होकर गुजरती है। इसकी वजह से हादसे की संभावना भी कम होती है, लेकिन कई सड़कें ऐसी हैं जो कई जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ मिलती या उसको पार करती है। मतलब राजमार्ग से होकर कई रास्ते जाते है और जुड़ते हैं।
राजमार्ग रोडवेज में हाई स्पीड यातायात देने के लिए स्पेशली 4 लेन होते है, लेकिन एक्सप्रेस-वे एक हाई स्पीड वाली सड़कों का ढाचा भर होता है जिसमें कम सड़कें जुड़ती हैं। इसमें कई सुविधाएं दी जाती है जैसे कि एक्सेस रैंप, लेन डिवाइडर पर राष्ट्रीय राजमार्ग में ऐसा नहीं होता है।
फ्रीवे क्या होता है ?
फ्रीवे बेसिकली हाई स्पीड की गाड़ियों के आने-जाने के लिए बनाया गया है। ये controlled access highway national का एक हाइएस्ट क्लास है। भारत में national highway system में सिर्फ दो ही फ्रीवे हैं जो मुंबई में ट्रैफिक क्राउड में कमी लाने के लिए पूर्वी फ्रीवे और पश्चिमी फ्रीवे का निर्माण किया गया है।