मदर्स डे (Mother’s Day) यानी मां के लिए बच्चों का सबसे खास दिन, जिसका इंतज़ार मां से ज्यादा उनके बच्चें करते हैं। क्योंकि वो इस खास दिन को पूरी तरीके से अपनी मां को समर्पित करना चाहते हैं। 2022 का मदर्स डे 8 May को मनाया जाएगा। मदर्स डे को हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। मां के लिए या मां को प्यार करने के लिए कोई खास दिन की ज़रूरत बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए क्योंकि मां अपने बच्चों से प्यार करने के लिए किसी खास दिन का इंतज़ार तो कतई नहीं करती तो बच्चों को भी करने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए। खैर, ये सब तो आज के आधुनिक समाज के चलने वाले चर्चित चलन हैं, जिन पर जितनी बात की जाएं उतनी कम हैं।
मदर्स डे का इतिहास
मदर्स डे का प्राचीन इतिहास काफी रोचक है। इस दिन के बारे में कहा जाता है कि प्राचीन काल में मां के प्रति सम्मान यानी मां की पूजा ग्रीस (पहले का नाम यूनान ) में प्रारंभ हुआ था। कई लोगों का मानना है कि उस समय के लोग ग्रीस देवताओं की मां को ही बहुत सम्मान देते थे या उनकी पूजा अर्चना करते थे।
वहीं मदर्स डे का आधुनिक इतिहास करें तो इसकी शुरुआत अमेरिका से हुई थी। इसे सबसे पहले 12 मई 1908 को सेलिब्रेट किया गया था। मदर्स डे को सबसे पहले अमेरिका की एना जार्विस नाम की एक महिला ने मनाया था। ऐसा में कहा जाता है कि एना अपनी मां से बहुत प्यार करती थी और उनके निधन हो जाने के बाद उनके प्रति सम्मान और प्यार दिखाने के लिए इन्होंने एक स्मारक रखा। इस महिला ने ऐसा तीन दिन तक अपनी मां को श्रद्धांजलि देने के लिए किया था। इस महिला ने इस दिन को नेशनल डे बनाने का एक प्रस्ताव अभियान भी चलाया, लेकिन शुरुआत में उसके इस प्रस्ताव को एक सिरे से ख़ारिज कर दिया गया। हालांकि बाद में उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया।
भारत में मदर्स डे का चलन
भारत में प्राचीन समय से मदर्स डे को लेकर कुछ खास चलन नहीं था, लेकिन पिछले कुछ दशकों से भारत में भी ये दिन बेहद ही पॉपुलर हो चुका है, जिसका सबसे बड़ा कारण भारत देश का वेस्टर्न कल्चर (पाश्चात्य-संस्कृति) के प्रति आकर्षण है। साथ ही Bollywood के अभिनेता और अभिनेत्रियों के द्वारा बड़े पैमाने पर मदर्स डे का मनाया जाना। देश के बड़े- बड़े हस्तियों के द्वारा मदर्स डे सेलिब्रेट करने से भी भारत में मदर्स डे का चलन बढ़ा है। आज हमारे देश में गांव से लेकर बड़े शहर तक इस दिन को बेहद ही प्यार के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन भारतीय लोग अपनी-आपनी मां को प्यारा-प्यारा गिफ्ट देते हैं ,यात्रा पर साथ ले जाते हैं, डिनर पर ले जाते हैं, उनके साथ अच्छी-अच्छी तस्वीरें क्लिक करते हैं और इन तस्वीरों को सोशल मीडिया में पोस्ट करते हैं। वे अपनी मां की सभी पसंदीदा चीज़ें इस खास दिन में करना चाहते हैं , जिनसे उनकी मां आज के दिन बहुत स्पेशल महसूस करें। मदर्स डे के दिन मां अपने बच्चों से मिले प्यार को अपने जीवन का एक सर्वोत्तम तोहफा मानती है।
मां से प्यार दिखाने के लिए एक दिन काफी?
किसी भी इंसान की जिंदगी में मां से जरूरी कुछ नहीं हो सकता। इस दुनिया में उस इंसान को लाने वाली आपकी मां ही है, जिसने 9 महीने आपको अनेक तरह की पीड़ा सहकर पेट में रखा। ये जानने के बाद भी जब आपसे भविष्य में पूछा जाएगा कि आप किसकी औलाद हो तो आप बिना कुछ सोचें झट से अपने पिता का नाम ले लोगें । आखिर इतना सब कुछ जानने के बाद जो इतना त्याग करें, उसे ही तो हमारे समाज में मां शब्द से परिभाषित किया गया है। वो मां ही होती है , जो अपने बच्चों की परवरिश से लेकर मार्गदर्शन तक का जिम्मा अपने कंधे पर उठाती हैं।
मां के बिना किसी इंसान का जीवन अधूरा है। जो त्याग और परिश्रम हमारे लिए हमारी मां कर जाती है, दुनिया में कोई नहीं कर सकता इसीलिए मां को भगवान से भी बड़ा दर्जा हमारे समाज में दिया गया है। बिन मां के जिंदगी क्या होती है? उस बच्चों से पूछो, जिसने अपनी मां को खो दिया हो, जब वो अपना दर्द बयां करेगा तब जाकर आपको पता चलेगा कि मां की कितनी महत्पूर्ण भूमिका है, जिंदगी में। अगर आपके पास मां है तो आप दुनिया के सबसे ज्यादा खुशनसीब इंसान है। ये बात तो एकदम पत्थर की लकीर है, इसमें कोई अगर-मगर हो ही नहीं सकता।
आज के आधुनिक युग में मदर्स डे (Mother’s Day) के दिन को ज्यादातर एक हउवा बना दिया गया है , जिसके तहत आपको इस दिन तो अपनी मां से प्यार तो करना ही पड़ेगा और सोशल मीडिया पर अपनी मां के साथ प्यार भरे कैप्शन के साथ फोटो अपलोड करनी ही पड़ेगी। भले, चाहे अन्य दिन आपको अपनी मां की चिंता हो या ना हो, इस दिन के अलावा आपने अपनी मां से कभी इतना प्यार किया हो या नहीं, उनके पास बैठकर समय बिताया हो या उनकी सब बात मानी हो। ये सब ऐसे सवाल हैं, जो आज के आधुनिक और दिखावटी युग में बार-बार जहन में आ ही जाते हैं। हम ऐसा नहीं कह रहे कि इसमें सभी लोग ऐसे ही होते हैं, लेकिन ज्यादातर इन सभी चीजों में ऐसे दिखावटी लोगों की तादात ज्यादा देखने को मिल जाती हैं, जिससे कारण उन सभी मां के लिए बुरा लगता है जिनको अपने बच्चों से प्यार के लिए पूरे साल इस ख़ास दिन का इंतेज़ार करना पड़ता है।