जीका वायरस से हाल कैसा है, ये तो किसी से अब छिपा नहीं है। यूपी का हाल बेहाल किया हुआ है इस वायरस ने। कानपुर शहर में तो हालात सबसे ज्यादा खराब है। जीका वायरस ने काफी मुश्किलें पैदा की हुई है और कानपुर से सटे कन्नौज में भी जीका के केस सामने आए हैं। अब तक देखें तो उत्तर प्रदेश में कुल 89 नए केस जीका वायरस के सामने आए हैं। हालांकि इस वायरस के बढ़ाव को रोकने के लिए सरकार और सिस्टम की तरफ से काम तो किया जा रहा है लेकिन यूपी में वायरस का बढ़ाव होता ही जा रहा है। अगर आपको भी इस वायरस की चपेट में आने से बचना है तो आपको कुछ जरूरी बातें तो पता होनी ही चाहिए।
आखिर क्या है जीका वायरस?
तो इस वायरस से फैलने वाली बीमारी एडीज मच्छर से होता है, जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसे घातक वायरस का फैलाव होता है। जीका वायरस की पहचान साल 1947 में युगांडा के बंदरों में सबसे पहले की गई थी तो वहीं इंसानों की बात करें तो इस वायरस के बारे में पता चला साल 1952 में। तब जाकर ये वायरस समय समय पर उभर आता है और लोग इसकी चपेट में आते हैं।
आप पर भी तो वायरस का खतरा?
ये जानने के लिए आपको पहले ये जानना होगा की जीका वायरस के लक्षण क्या हैं? जीका वायरस की चपेट में आए कुछ लोगों में वैसे तो कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन अमूमन ऐसा होता है कि मच्छर के काटे जाने के लक्षण दो से 14 दिनों के बीच दिखाई देते हैं। इसके लक्षणों में शामिल है बुखार का आना, मांसपेशियों या जोड़ों में पेन होना, आंखों में लाली आ जाना, सिर में दर्द होना, थकान महसूस होना, पेट में दर्द होना। जीका वायरस के संक्रमण से हो ये भी सकता है कि ब्रेन और नर्वस सिस्टम की कॉप्लिकेशंस हो सकती हैं। जैसे गइलेन बैरे सिंड्रोम जैसी दिक्कतों का पैदा होना।
इसका इलाज क्या है?
अब एक बेहद इंपोर्टेंट सवाल ये है कि जीका का रोकथाम कैसे किया जाए? तो इस वायरस के संक्रमण का फिलहाल तो कोई इलाज नहीं मौजूद, लेकिन इस संक्रमण की चपेट में आने के बाद बेहद जरूरी होता है कि पूरी तरफ से बेड रेस्ट किया जाए और ज्यादा से ज्यादा लिक्विट कंज्यूम किया जाए। आम तरह के बुखार और दर्द की मेडिसिन को इसके इलाज में इस्तेमाल किया जाता है और हालात तब भी ना सुधरें तो बिना देरी डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
लक्षण के बारे में भी जान लीजिए…
डॉक्टर्स लक्षण को देखकर इलाज करते हैं तो वहीं अमेरिका का सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल कहता है कि वायरस की चपेट में आने पर आप ये कुछ उपाय कर सकते हैं जैसे कि-
1. ज्यादा से ज्यादा आराम किया जाए ।
2. लिक्विड लिया जाए ताकि डिहाइड्रेशन ना हो।
3. डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें।
वैसे हम इस वायरस के इलाज से जुड़ा कोई भी सलाह आपको नहीं देते और ना ही किसी भी तरह के इंफोर्मेशन की पुष्टि करते हैं ये इंफोर्मेशन अलग अलग स्त्रोंतों से जुटाई गयी हैं।
वायरस से बचाव का तरीका
चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि आखिर कैसे कर सकते हैं इस जीका वायरस से खुद का बचाव? इसे हम पॉइंट दर पॉइंट समझेंगे।
1. घर और घर के आसपास पूरी सफाई रखें।
2. इस वायरस के मच्छर सुबह और शाम ज्यादा दिखते हैं तो पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
3. छोटे बच्चों का खास ख्याल रखें और उनको शाम के वक्त बाहर न जाने दें।
4. बारिश के पानी कही भी किसी भी कोने में इकट्ठा न होने दें।
5. कूलर हो, बर्तन हो, पानी की टंकी हो यहां के पानी को बदलते रहे हैं और इनको साफ भी रखें।
6. जीका वायरस जहां फैला हुआ है अगर उस जगह पर जाना पड़ रहा है तो आपको वहां जाने से पहले खास तरह से सतर्क रहना होगा।
7. घरों में मास्किटो रेपलेंट को यूज में लाएं।